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प्रथम पुरुष
कर्ता को तीन भागों में विभाजित किया जाता है
(१) प्रथम पुरुष (२) मध्यम पुरुष (३) उत्तम पुरुष एकवचनवहत बहुवचन वे वे दोनों तुम तुम दोनों हम हम दोनों
प्रथम पुरुष को अन्य पुरुष भी कहते हैं। हाथी, घोडा, लक्ष्मी, पृथ्वी, वृक्ष आदि जितनी भी संज्ञाएं कर्ता होती हैं वे सब प्रथम पुरुष के कर्ता हैं। इसके साथ प्रथम पुरुष की क्रिया आती है। कर्तृवाच्य में इनकी कर्ता संज्ञा है। सर्वनाम
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द को सर्वनाम कहते हैं। संज्ञा का प्रयोग होने के बाद ही संज्ञा के स्थान पर सर्वनाम का प्रयोग होता है। संज्ञा में जो लिङ्ग और वचन होते हैं उसके स्थान पर आने वाले सर्वनाम में वही लिङ्ग और वचन होता है। सर्वनाम त्रिलिङ्गी होते हैं। इनके रूप परिशिष्ट १ में देखें । सर्वनाम ये हैं.--- प्राकृत
संस्कृत हिन्दी सम्व वीस विश्व
सब उभय
उभय इक्क, एक्क, एग
एक एक्कतर एकतर
कोई एक अण्ण
अन्य इतर
कोई अन्य कयर
कतर कयम कतम
उनमें कौनसा
जो त, ण .. तद् - एअ, एय एतद्
यह . किम् ।
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सब
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