________________
भविष्यत्कालिक प्रत्यय (१)
२६३
धातु का प्रयोग करो
मैं आत्मा को शरीर से भिन्न अनुभव करता हूं। विद्यार्थी स्कूल में दिया हुआ घर का कार्य करके अध्यापक को निवेदन करता है। मैंने तुमको पहचान लिया हम दोनों पूर्वभव में भाई-भाई थे। उसने अपनी स्त्री का परित्याग कर दिया । वह अपने पुत्र को स्कूल से वापस ले आया। जो आकाश में पत्थर फेंकता है वह उसी पर पड़ता है। उसने अपने कार्य से प्रतीति कराई। क्या नक्षत्र पूर्व दिशा में पैदा होते (उगते) हैं ? वह मनोयोग से उपदेश देता है। पौधा थोडा ऊंचा हुआ है। भविष्यत् प्रत्यय का प्रयोग करो
वह आज वृक्षों को नहीं सींचेगा । मैं तुम्हारे घर आज के बाद कभी नहीं आऊगा । तुम्हारा भविष्य कौन बताएगा ? देश में किसकी सरकार बनेगी ? आज तुम क्या खाओगे ? तुम्हारी सेवा कौन करेगा ? शुक्र का तारा आकाश में कब उदित होगा ? रमेश कल स्कूल नहीं जाएगा। साधुओं की उपासना कल कौन करेगा? हमारी कक्षा का गणित का प्रश्नपत्र कौन बनाएगा ? तुम्हारे साथ परीक्षा देने कौन जाएगा ? सूर्य कब अस्त होगा ? पत्रिका में लेख कौन लिखेगा? मैं तुम्हारे साथ खाना नहीं खाऊंगा।
प्रश्न १. भविष्य के अर्थ में होने वाले प्रत्ययों से पहले किस का प्रयोग होता है __ और किस नियम से ? २. भविष्य काल के विहित प्रत्यय से परे अ को किस नियम से क्या
आदेश होता है ? ३. भविष्य अर्थ में मि प्रत्यय के स्थान पर किसका प्रयोग होता है और
किस नियम से ? ४. मध्यम पुरुष के एकवचन में कौन-कौन से प्रत्यय होते हैं ? ६. भुजा, कोहनी, हाथ, उंगली, हथेली, स्तन, नाखून, मुट्ठी, छाती, पेट
और नाखून के नीचे का भाग, इनके लिए प्राकृत शब्द बताओ। ७. पच्चणुभव, पच्चप्पिण, पच्च भिजाण, पच्चाचक्ख, पच्चाणी, पच्चापड, , पच्चाया, पच्चाहर, पच्चाय और पच्चुण्णम धातुओं के अर्थ बताओ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org