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माज्ञार्थक प्रत्यय
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• उत्तम पुरुष के प्रत्यय लगाने से पूर्व अ विकरण वाली धातु के
अन्त्य अ को आ तथा इ विकल्प से होता है। हसामु, हसिमु, हसमु।
नियम ५९८ (दुसु मु विध्यादिष्वेकस्मिस्त्रयाणाम् ३३१७३) विधि आदि अर्थ में तीनों पुरुषों के एकवचन के प्रत्ययों को क्रमश: दु, सु और मु आदेश होते हैं । हमउ (हसतु), हससु (हस), हसमु (हसानि)।
नियम ५६६ (बहुषु न्तु ह मो ३॥१७६) विधि आदि अर्थ में तीनों पुरुषों के बहुवचन के प्रत्ययों को क्रमशः न्तु, ह और मो आदेश होता है। हसन्तु (हसन्तु), हसह (हसत), हसमो (हसाम)।
नियम ६०० (अत इज्जस्विज्जहीज्जे लुको वा ३३१७५) अ से परे 'सु' को इज्जसु, इज्जहि, इज्जे तथा लुक ये चार आदेश विकल्प से होते हैंहसेज्जसु, हसेज्जहि, हसेज्जे, हस, हससु। अन्य स्वरान्त धातुओं (आकारान्त, इवर्णान्त, उवर्णान्त, एकारान्त और ओकारान्त को ये आदेश नहीं होते हैं।
नियम ६०१ (सो हि वा ३३१७४) पूर्व सूत्र विहित (दु, सु, मु) में सु प्रत्यय को हि विकल्प से होता है । हससु, हसहि । देहि, देसु ।
आज्ञार्थक प्रत्यय एकवचन
बहुवचन प्रथमपुरुष उ, तु मध्यमपुरुष सु, हि, इज्जसु, इज्जहि,
इज्जे, लुक उत्तमपुरुष
मो हस धातु के आसार्थक रूप प्रथमपुरुष हसउ, हसेउ, हसतु, हसेतु हसन्तु, हसिंतु, हसेतु मध्यमपुरुष हससु, हसेसु, हसेज्जसु . हसह, हसेह
हसेज्जहि, हसेज्जे, हस
हसहि, हसाहि उत्तमपुरुष हसमु, हसामु, हसिमु, हसेमु हसमो, हसामो, हसिमो,
हसेमो (सर्व पुरुष सर्व वचन में-हसेज्ज, हसेज्जा और होते हैं)
हो पातु के आगार्थक रूप एकवचन
बहुवचन प्रथमपुरुष होउ, होअउ, होएउ
होन्तु, होइन्तु, होएन्तु होज्जउ, होज्जाउ, होतु, होएतु होज्जन्तु, होज्जान्तु
होज्जतु, होज्जातु मध्यमपुरुष होसु, होअसु, होएसु होअह, होएह, होह
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