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अभितावे ( अभितापयेत् ) हणिया ( हन्यात्) लहे (लभेत )
प्राकृत वाक्यरचना बोष
अच्छे (आच्छिन्द्यात् ) अब्भे (आभिन्द्यात्)
प्रयोग वाक्य :
उagाणसालाइ कस्सि विसये उबट्ठाणं भविस्सइ ? करणसालाए चे नायो न मिलेज्ज तथा कत्थ मिलिहिइ ? कूडागारसालाए कित्तिआ जणा संति ? अहं अट्टणसालं पइदिणं गच्छामि । गामस्स बाहि गोणसाला विज्जइ । रमेसस्स भाया घोडगसालाए कज्जं करे । अत्थ गद्दभसाला नत्थि । उदगसालाइ नीरं को पिवावेज्ज ? अट्टणसालाअ सामी अज्ज अत्थ आगमिस्सइ ? गंधव्वसालाए णट्टई विट्टिस्सइ । गंधिअसालाअ को गओ ?
धातु प्रयोग
अमुम्मि नयरे अज्ज पासणाहस्स पडिमं पइट्ठविस्सइ । परिवारं धणं य पहाऊण पभा साहुणी भविस्सइ । पइणो बहूए य मणो अरुणाइ पउ जिओ । विज्जालये कल्लं विज्जट्टिणो पइसारर्हिति । बालो धूलीए किड्डुइ वत्थाई पंसइ य। अजइणा अवि आयरिअभिक्खुं पकत्थइ । आहम्मियभोयणं साहूणं न पकप्पइ । सो सिलोगाणं अब्भासं पकुणइ । तुमं मोरउल्ला कज्जं पकुणसि । विध्यर्थक प्रत्यय प्रयोग
जिणेसो पाढं पढेज्जा । तुमं कम्मसत्तुणा सह जुज्झिज्जसि । दिणेसो पइदिवहं सज्झायं करेज्जइ । सो पासणाहस्स देवालयस्स पडिमं पइट्ठवेज्जा । रिसभ अवि लेहं लेहिज्ज । धम्मेसो कज्जं उअ कुज्जा । पत्तियामि पसंतो कहं लिहेज्ज | संभावेमि वयं वइसाहमासे जेणविस्सभारहिं गच्छेज्जामो । अणुब्वयवरिसो जं तुमं पयरेज्जासि । कालो जं हं गोयर गच्छिज्जामि । जइ वागरणं पढेय णाणं लहेय । जइ अणुसासणं चिट्ठे सच्छंदो भवेय । प्राकृत में अनुवाद करो
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सभा स्थान में आज किसका भाषण हुआ ? न्याय पाने के लिए अंतिम स्थान न्याय मंदिर है। मंदिर में मूर्ति की स्थापना कब होगी ? उस शहर में षड्यंत्र घर नहीं है । व्यायामशाला में पन्द्रह आदमी प्रतिदिन आते हैं । कविता गोशाला का शुद्ध दूध पीए । घुडसाल में सबसे अच्छा घोड़ा कौनसा है ? गर्दभशाला में एक भी गधा नहीं है । उदकगृह में कितने घडे ठंडे पानी के हैं ? रसाला को देखने के लिए तुम कब गए थे ? संगीतगृह में किसने संगीत गाया ? दारु की दुकान पर कौन-कौन बैठे थे ? धातु का प्रयोग करो
मंदिर में मूर्ति की स्थापना विधिवत् कब होगी ? परित्याग करके
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