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________________ वर्तमानकालिक प्रत्यय २४५ (मिप, ए) प्रत्ययों को मि आदेश होता है। नियम ५८७ (मो वा ३।१५४) अदन्त धातु के अ को आ विकल्प से हो जाता है मि परे होने पर । हसमि, हसामि (हसामि) मैं हंसता हूं। नियम ५८८ (तृतीयस्य मो मुमा: ३११४४) उत्तम पुरुष के बहुवचन (मस्, महे) प्रत्ययों को मो, मु और म आदेश होते हैं। हसमो, हसमु, हसम (हसावः, हसामः) हम दोनों या हम हंसते हैं। नियम ५८६ (इच्च मो मु मे वा ३॥१५५) अदन्त धातु के अ को इ और आ हो जाता है, मो, मु और म प्रत्यय परे हो तो। हसिमो, हसामो। हसिमु, हसामु । हसिम, हसाम (हसामः) । हम हंसते हैं। नियम ५६० (वर्तमाना पञ्चमी शतृष वा ३१५८) वर्तमानकाल, पंचमीविभक्ति तथा शतृप्रत्यय परे रहने पर अ को ए विकल्प से होता है। हसइ, हसेइ । हससि, हसेसि । हसमो, हसमो। हसमु, हसेमु । हसम, हसेम। नियम ५६१ (वर्तमाना भविष्यन्त्योश्च जज ज्जा वा ३.१७७) वर्तमान, भविष्यत् तथा विधि आदि धातु प्रत्ययों के स्थान पर ज्ज और ज्जा आदेश विकल्प से होते हैं। वर्तमान-हसेज्ज, हसेज्जा, हसइ (हसति)। भविष्यत्-हसेज्ज, हसेज्जा, हसिहिइ (हसिष्यति) विधि-हसेज्ज, हसेज्जा, हसउ (हसतु, हसे द् वा)। नियम ५६२ (मध्ये च स्वरान्ताद् वा ३३१७८) स्वरान्त धातु से वर्तमान, भविष्यत् तथा विधि आदि प्रत्ययों के स्थान पर तथा धातु और प्रत्यय के बीच में ज्ज और ज्जा विकल्प से हो जाते हैं। होज्जइ, होज्जाइ, होज्ज, होज्जा, होइ (भवति) । होज्जहिइ, होज्जाहिइ, होज्ज, होज्जा होहिइ (भविष्यति)। होज्जउ, होज्जाउ, होज्ज, होज्जा, होउ । (भवतु, भवेद् वा) एवं होज्जसि, होज्जासि, होज्ज, होज्जा, होसि (भवसि )। नियम ५६३ (ज्जात् सप्तम्या इर्वा ३.१६५) ज्ज से परे इ का प्रयोग विकल्प से होता है । होज्ज, होज्जइ (भवेत्) । नियम ५९४ (ज्जा ग्जे ३।१५६) प्रत्ययों के स्थान पर आदेश होने वाले ज्ज और ज्जा परे हों तो धातु के अकार को एकार हो जाता है । हसेज्ज, हसेज्जा । नियम ५६५ (अस्थि स्त्याविना ३३१४८) त्यादि प्रत्ययों के साथ अस् धातु को अत्थि आदेश होता है । अस्थि (अस्ति , संति , असि , स्थ, अस्मि, स्मः)। नियम ५६६ (सिना स्ते सिः ३३१४६) सि प्रत्यय के साथ अस् धातु को सि आदेश होता है। सि (असि)। पूर्व नियम से अत्थि भी। नियम ५६७ (मि मो में म्हि म्हो म्हा वा ३३१४७) मि, मो और म Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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