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शब्दरूप (5)
शब्द संग्रह (स्फुट) परस्पर-परोप्पर, परुप्परं
झूला-डोला खेत, क्षेत्र-खेत्तं, पल्लवायं (दे.) सेवा-णिवेसणा खेत में सोने वाला पुरुष-परिवासो छावनी-छायणिआ वाचाल-मुहरो
छिलका-छोइया अधिक चर्बी वाला--पमेइलो दुर्दशा-दुद्दसा
धातु संग्रह भंज--भांगना, तोडना
भद-सुख करना, कल्याण करना भंड-भाण्डना, भर्त्सना करना भम--भ्रमण करना भंस -नीचे गिरना, नष्ट होना भय---सेवा करना भक्ख-खाना
भर----धारण करना, पोषण करना भज्ज-भुनना
भव--होना इवं, अदस् और एतद्
नियम ५२३ (इदम इमः ३७२) इदं शब्द को इम आदेश होता है। सि आदि विभक्ति परे हो तो। इमो, इमे । इम, इमे । इमेण ।
नियम ५२४ (पंस्त्रियो न वायमिमिआ सौ ३१७३) इदं शब्द को सि परे होने पर पुंलिंग में अयं तथा स्त्रीलिंग में इमिआ आदेश विकल्प से होता है। अयं, इमो । इमिआ, इमा।
नियम ५२५ (णोम् शस्टा भिसि ३७७) अम्, शस्, टा तथा भिस् परे हो तो इदं शब्द को ण आदेश विकल्प से होता है। णं, इमं । णे, इमे । णेण इमेण । णेहि, इमेहि ।
नियम ५२६ (अमेणम् ३।७८) इदं शब्द को अम् विभक्ति सहित इणं आदेश विकल्प से होता है । इणं, इमं ।
नियम ५२७ (स्सि-स्सयोरत् ३.७४) स्सि तथा स्स परे रहने पर इदं शब्द को 'अ' आदेश विकल्प से होता है। अस्सि, अस्स । इमस्सि, इमस्स ।
नियम ५२८ (को मन हः ३७५) इदं शब्द को म आदेश होने पर ङि परे हो तो म सहित डि को ह आदेश विकल्प से होता है । इह, इमस्सि,
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