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________________ शब्दरूप (७) २३१ तस्स पयारणजालम्मि तुम कहं आगओ? पत्थयणं विणा जत्ताए आणंदो नत्थि । पमइलं वत्थं पासिऊण सो खिण्णो जाओ। तस्स परिवेसणे भेदभावी अत्थि । बालो पत्तसलिलं णियपडिजायणं पासइ। परिजुसियं अण्णं न भुंजेयव्वं । धातु प्रयोग मुणी तुडियाणि पत्ताणि बंधइ । तस्स पतेयवत्तं तुम बाहसि । सो मूसिअत्तो वि बिहइ । अपरिचियं माणुसं पेहिऊणं कुक्कुरो बुक्कइ । अजासिसू माअरं पासिऊण बुब्बुअइ । जो सया सच्चं बुवइ तस्स विस्सासो (वीसासो) भवइ । पयो सरीरं बूहइ। तुमं अत्थ कहं बेसइ ? गुरू सीसं धम्म बोहइ । साहू विहारे थक्किओ अओ मग्गम्मि बेसइ । प्राकृत में अनुवाद करो . द्वार पर यवनिका देखकर वह भीतर नहीं गया । तुम्हारा पडौसी कौन है ? इस कमरे में खाली स्थान नहीं है। युद्ध समाप्त करने के लिए उसकी शर्त क्या है ? वह ठगाई करना नहीं जानता। परभव का पाथेय क्या है ? भावना की दृष्टि से वह अति मलिन है। विवाह में परोसना भी एक कला है । दर्पण में अपना प्रतिबिम्ब दिखाई देता है। साग बासी हो सकता है पर मिष्टान्न नहीं। धातु का प्रयोग करो वह अपना विस्तर बांधता है। मेरे कथन का वह विरोध क्यों करता है ? बालक पिता से डरता है । बकरी किस कारण से बोलती है ? तुम क्या बोलते हो? शोरगुल के कारण मैं सुन नहीं पाता हूं। वह पिता के सामने झूठ क्यों बोला ? क्या तुम व्यायाम से शरीर को पुष्ट करते हो? तुम थक गए हो तो बैठ जाओ। उसको श्रम का महत्व समझना चाहिए। प्रश्न १. प्राकृत के क (किं) ज (यत्) और त (तत्) शब्द से परे ङस् और ङि प्रत्यय को किस नियम से क्या आदेश होता है ? उनके रूप बताओ। २. तद, एतद् और कि शब्दों के सारे रूप सिद्ध करो। ३. परदा, पडौसी, खाली, शर्त, ठगाई, पाथेय, अतिमलिन, परोसना, प्रतिबिम्ब, वासी, शोरगुल और व्यायाम के लिए प्राकृत शब्द बताओ और अपने वाक्य में प्रयोग करो। ४. बंध, बाह, बिह, बुब्बुअ, बुव, बू, बूह, वेस और बोध धातु का अर्थ - बताओ। ५. कमेलयो, अलमलो, रासहो, गोपती, गोलांगुलो, विओ, उट्टी, वेसरी, ___ खिखिरो शब्द को वाक्य में प्रयोग करो तथा हिन्दी में अर्थ बताओ। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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