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शब्दरूप (३)
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जणहियस्स उवएसो दिसिओ । उवालंभं सुणिऊणं सो दुक्खइ । तुमं केणं कारणेणं दुम्मणसि ? रमेसो आसं दुरुहइ । केणावि सह न दुस्सिअव्वं । चंदो जलदेसु तिरोहाइ। प्राकृत में अनुवाद करो
___ सिंह वन का राजा होता है । बाघ हिंसक प्राणी है। चीता आक्रामक (अक्कामओ) होता है। भालू काले रंग को होता है और वृक्ष पर उल्टा चढता है । हाथी का शरीर स्थूल होता है फिर भी वह अंकुश से वश में होता है। घोडा तेज क्यों दौडता है ? भैंसे में प्रतिशोध (पडिसोह) की भावना होती है । गेंडे के सींग का क्या उपयोग होता है ? खच्चर भारवाही पशु होता है। जिसके सींग और पूंछ होता है वह पशु होता है। धातु का प्रयोग करो
तुम किसके पास और कब दीक्षा लोगे ? आकाश में तारे चमकते हैं । वस्तु के मिलने और न मिलने पर भी वह तृप्त रहता है। बच्चे आंगण में क्रीडा करते हैं। उसने सत्य कहा है। वह किसलिए दुःखित होता है। कौनसा कार्य तुम्हारा न होने से तुम उदास हो गए ? जो चढता है वही गिरता है। किसी के प्रति द्वेष करना सज्जन व्यक्ति का कार्य नहीं है। कभीकभी सूर्य भी अदृश्य होता है।
१. ऋकारान्त शब्द कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक प्रकार के उदाहरण
देकर समझाओ। २. संस्कृत का ऋकारान्त शब्द प्राकृत में किस रूप में बदल जाता है ?
और उसके रूप किस शब्द की तरह चलते हैं ? ३. ऋकारान्त शब्द को उकार और आर आदेश किस स्थिति में होता है _और किस नियम से ? ४. सि प्रत्यय परे रहने पर ऋकारान्त शब्द को किस नियम से क्या
आदेश होता है ? ५. सिंह, चीता, बाघ, रीछ, हाथी, घोडा, भैसा, गेंडा और खच्चर के
लिए प्राकृत के शब्द बताओ? ६. दिक्ख, दिप्प, दिव, तिरोहा, दिस, दुक्ख, दुम्मण, दुरुह और दुस्स
धातुओं के अर्थ बताओ तथा उन्हें वाक्य में प्रयोग करो।
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