SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 236
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शब्दरूप (३) २१६ जणहियस्स उवएसो दिसिओ । उवालंभं सुणिऊणं सो दुक्खइ । तुमं केणं कारणेणं दुम्मणसि ? रमेसो आसं दुरुहइ । केणावि सह न दुस्सिअव्वं । चंदो जलदेसु तिरोहाइ। प्राकृत में अनुवाद करो ___ सिंह वन का राजा होता है । बाघ हिंसक प्राणी है। चीता आक्रामक (अक्कामओ) होता है। भालू काले रंग को होता है और वृक्ष पर उल्टा चढता है । हाथी का शरीर स्थूल होता है फिर भी वह अंकुश से वश में होता है। घोडा तेज क्यों दौडता है ? भैंसे में प्रतिशोध (पडिसोह) की भावना होती है । गेंडे के सींग का क्या उपयोग होता है ? खच्चर भारवाही पशु होता है। जिसके सींग और पूंछ होता है वह पशु होता है। धातु का प्रयोग करो तुम किसके पास और कब दीक्षा लोगे ? आकाश में तारे चमकते हैं । वस्तु के मिलने और न मिलने पर भी वह तृप्त रहता है। बच्चे आंगण में क्रीडा करते हैं। उसने सत्य कहा है। वह किसलिए दुःखित होता है। कौनसा कार्य तुम्हारा न होने से तुम उदास हो गए ? जो चढता है वही गिरता है। किसी के प्रति द्वेष करना सज्जन व्यक्ति का कार्य नहीं है। कभीकभी सूर्य भी अदृश्य होता है। १. ऋकारान्त शब्द कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक प्रकार के उदाहरण देकर समझाओ। २. संस्कृत का ऋकारान्त शब्द प्राकृत में किस रूप में बदल जाता है ? और उसके रूप किस शब्द की तरह चलते हैं ? ३. ऋकारान्त शब्द को उकार और आर आदेश किस स्थिति में होता है _और किस नियम से ? ४. सि प्रत्यय परे रहने पर ऋकारान्त शब्द को किस नियम से क्या आदेश होता है ? ५. सिंह, चीता, बाघ, रीछ, हाथी, घोडा, भैसा, गेंडा और खच्चर के लिए प्राकृत के शब्द बताओ? ६. दिक्ख, दिप्प, दिव, तिरोहा, दिस, दुक्ख, दुम्मण, दुरुह और दुस्स धातुओं के अर्थ बताओ तथा उन्हें वाक्य में प्रयोग करो। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy