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________________ १७२ प्राकृत वाक्यरचना बोध . (बहुलाषिकारात् पचिव विकल्पः) स्प>प-बृहस्पतिः (बुहप्पई, बिहप्पई) (बहुलाधिकारात् क्वचिदन्यवपि) स्व><-निस्पृहः (निप्पिहो)। नियम ३५० (रुपस्पयोः फ: २३५३) ष्प और स्प को फ आदेश होता प>फ-पुष्पं (पुप्फ) । शष्पम् (सप्फ) । निष्पेषः (निप्फेसो) । निष्पावः (निप्फावो)। स्प>फ-स्पन्दनम् (फन्दणं)। प्रतिस्पर्धी (पाडिप्फद्धी, पडिप्फद्धी) प्रतिस्पर्धा (पडिप्फद्धा) । स्पन्दते (फंदए) । वनस्पतिः (वणप्फई) स्पर्धते (फदए)। बृहस्पतिः (बुहप्फइ, बिहप्फई)। नियम ३५१ (भीष्मे हमः २३५४) भीष्म शब्द के हम को फ आदेश होता है। म>फ-भीष्मः (भिप्फो) नियम ३५२ (श्लेष्मणि वा २।५५) श्लेष्म शब्द के ज्म को फ आदेश विकल्प से होता है। हम>फ-श्लेष्मा (सेफो, सिलिम्हो) नियम ३५३ (ह्रो भो वा २१५७) ब को भ आदेश विकल्प से होता है। ब7 भ-जिह्वा (जिब्भा, जीहा) नियम ३५४ (वा विहले वो वश्च २१५८) विह्वल शब्द के ह्र को भ भादेश विकल्प से होता है। उसके योग में वि शब्द के व को भ आदेश विकल्प से होता है। ह74, भ-विह्वलः (भिब्भलो, विन्भलो, विहलो) नियम ३५५ (बोर्वे २५९) ऊर्ध्व शब्द के ध्व को भ आदेश विकल्प से होता है। ध्व74-ऊध्वं (उभं, उद्धं) नियम ३५६ (ग्मो वा २१६२) ग्म को म आदेश विकल्प से होता है। ग्म/म-युग्मं (जुम्म, जुग्गं) । तिग्मं (तिम्म, तिग्गं) . नियम ३५७ (न्मो मः २१६१) न्म को म आदेश होता है। (अधः म के लोप का अपवाद है) न्म 7 म-जन्म (जम्मो) । मन्मथः (वम्महो) । मन्मनं (मम्मणं) नियम ३५८ (ताम्राने म्ब: २१५६) ताम्र और आम्र के म्र को म्ब आदेश होता है। 97म्ब-तानं (तम्बं) आनं (अम्बं) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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