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संयुक्त व्यंजन परिवर्तन (५)
१७३ नियम ३५६ (कश्मीरे म्भो वा २।६०) कश्मीर शब्द के श्म को म्भ आदेश विकल्प से होता है । श्म 7म्भ-कश्मीरा (कम्भारा, कम्हारा)
नियम ३६० (पक्ष्म श्म-5म-स्म-हमा-म्हः २०७४) श्म, ष्म, स्म, ह्म तथा पक्ष्म शब्द के क्ष्म को म्ह आदेश होता है। श्मा म्ह--कुश्मानः (कुम्हाणो) । कश्मीरा: (कम्हारा) म 7 म्ह-ग्रीष्मः (गिम्हो) । ऊष्मा (उम्हा) स्म 7 म्ह---अस्मादृशः (अम्हारिसो) । विस्मयः (विम्हओ)
7म्ह-ब्रह्मा (बम्हा) । सुराः (सुम्हा) । ब्राह्मणः (बम्हणो) म 7 म्ह-पक्ष्म (पम्हाइं)
(क्वचित् म्भो पि) 7म्म---ब्राह्मणः (बम्भणो) । ब्रह्मचर्य (बम्भचेरं) म7म्भ-श्लेष्मा (सिम्भो) प्रयोग वाक्य
मुग्गस्स पप्पडो भवइ । मासस्स दालीए वडगाई पोल्लाई भवंति । चणस्स रुट्टिअं दहिणा सह भुंजंति पुरिसा। घयसक्करासंजुत्तं बजरि को न अहिलसइ सीयकाले ? जवस्स तिण्णि भेया संति । मकुट्ठो मलरोहगो भवइ । कलायो मलावरोहगं णस्सइ। कुलत्थो भारहवासे पाओ सव्वत्थ मिलइ । बंगदेसे दक्खिणदेसे य साली पहाणं भोयणं भवइ । आलिसंदस्स संयावो अज्ज मए भुत्तो । सामयधण्णं निद्धणा चिअ खाअंति। तिपुडबीयेसु विसपयत्यो भवइ । चारुगो महुरो सीयलो य भवइ । धातु संग्रह
__ अहं पायवा कलामि । गिहे को कवइ ? माआ अज्ज निंबपत्ताई कहिस्सइ । जो दहिं भुंजइ सो अहियं कासइ। जो नरा मारइ तं सब्वे कुच्छंति । अत्थ बाला सया किड्डंति । पयजत्तं विणा सो कहं किलिसिसु । उवालंभं सुणिऊणं वि सो न किलेसइ । तुमं कस्स उट्ट कीणसि ? लवणरहियसागस्स एग कवलं भक्खिऊण सो कोवेण थालं किरिसु । प्राकृत में अनुवाद करो
मंग की दाल रोगी के लिए लाभदायक होती है। मेवाडवासी वाटी के साथ उडद की दाल खाते हैं। हम लोग प्रायः चने के आटे (वेसण) की कढी (कढिआ) खाते हैं । बाजरा मरुभूमि का प्रमुख भोजन है। मक्का की रोटी घी सहित खाने से गर्मी दूर होती है। साठी धान्य धनवान् खाते हैं । हैं । मैंने कभी चवला की रोटी नहीं खाई। मोठ शीतल, कृमिजनक (किमीजणयो) और ज्वर नाशक होता है। कुलथी धान्य का प्रयोग समय-समय पर
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