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प्राकृत वाक्यरचना बोध
तुम्हारे पास है । एक महिने में तीन रुमाल गिर जाते हैं । तुमने पायजामा कब पहना था ? पंडित लोग दुपट्टा रखते थे । क्या तुम पेंट को सीना जानते हो ? यह वासकट तुम अपने भाई को दे दो । रजाई ठंड से सुरक्षा करती है । रजाई में रूई (कप्पास ) कितनी है ? क्या वह कौपीन पहनना चाहता है ? वह रूमाल से मुंह पूंछता है । मेरे पास रात की पौशाक दो है । टोप किस शहर में मिलता है ? मैं चादर अपने साथ ही रखता हूं। पतलून सीने वाला कहां गया है ? मेरी शेरवानी कहां रखी हुई है ? तकिया के बिना उसको नींद नहीं आती है । तुम्हारी धोती धूप में सूख रही है। कुर्ता का रंग कैसा था ? वह तोलिया पहनकर स्नान करता है। ओवरकोट पहनने के बाद ठंड नहीं लगती है ।
धातु का प्रयोग करो
तुम्हारे शरीर का भार मुझे पीडा नहीं देता लेकिन तुम्हारा धातु का अशुद्ध प्रयोग पीडा देता है। चिकने आंगन में उसका पैर फिसल गया । क्या बादल आकाश को छूते हैं ? कोई-कोई फल पकने पर फट जाता है | दूध से शरीर पुष्ट होता है । वह रूई धुनता है इसलिए सुख से रोटी खाता है । जो अपने आश्रित का पालन नहीं करता वह कर्तव्य से दूर हो जाता है । तुम उसके पास पढना प्रारम्भ करो। तुम्हें अपने विचार प्रकट करना चाहिए ।
प्रश्न
१. नीचे लिखे शब्दों में किस व्यंजन को क्या आदेश हुआ है ? नियम सहित स्पष्ट करो --
चंदिमा, आगरिसो, पिसाजी, एगत्तं चिहुरो, भामिणी, पिसल्लो, खसिओ, सयढो, पिहडो, फलिहो, चविडा, पिढरो, वेणु, हरडइ । २. टोपी, टोप, दुपट्टा, पेंट, वासकट, रजाई, पगडी, पायजामा, रूमाल, कौपीन, चादर, पतलून, शेरवानी, तकिया, धोती, कुर्ता, तोलिया, ओवरकोट, रात्रिपौशाक के लिए प्राकृत शब्द बताओ ।
३. बाह, फेल्लुस, फट्ट, पिंज, पागड और पोस धातुओं के अर्थ बताओ । ४. "प्रत्यादी ड: " - इस नियम के तीन उदाहरण दो ।
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