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प्राकृत वाक्यरचना बोध ए7ऊ-थूणो, थेगो (स्तेनः)
नियम १७७ (ऐत एत् १११४८) आदि के ऐकार को एकार होता है। ऐ7 ए-सेला (शैलाः) तेलोक्कं (त्रैलोक्यम् ) एरावणो (ऐरावतः) केलासो (कैलासः) वेज्जो (वैद्यः) केढवो (कैटभः) वेहव्वं (वैधव्यम्)
नियम १७८ (इसैन्धव-शनैश्चरे १२१४६) सैन्धव और शनैश्चर शब्दों के ऐ को इकार होता है। ऐ7 इ-सिन्धवं (सैन्धवम् ) सणिच्छरो (शनैश्चरः)
नियम १७९ (सन्ये वा १११५०) सैन्य शब्द के ऐ को इ विकल्प से होता है। ऐ7 इ-सिन्नं, सेन्नं (सैन्यम्)
नियम १८० (अइ दैत्यादौ च १३१५१) सैन्य शब्द और दैत्य आदि शब्दों के ऐ को अइ आदेश होता है। ऐ7 अइ-सइन्नं (सैन्यम्) दइच्चो (दैत्यः) दइन्नं (दैन्यम्) अइसरिअं
(ऐश्वर्यम् ) भइरवो (भैरवः) वइजवणो (वैजवनः) दइवअं (दैवतम्) वइआलिअं (वैतालीयः) वइएसो (वैदेशः) वइएहो (वैदेहः) वइदब्भो (वैदर्भः) वइस्साणरो (वैश्वानरः) कइअवं (कैतवम्) वइसाहो (वैशाखः) वइसालो (वैशालः) सइरं (स्वरम् ) चइत्तं (चैत्यम्) । विश्लेषे अइ न भवति चेइअं (चैत्यम्) नियम १८१ [वैरादो वा १११५२] वैर आदि शब्दों के ऐ को अइ
आदेश विकल्प से होता है। ऐ7 अइ ---वइरं, वेरं (वैरम्) । कइलासो केलासो (कैलासः) कइरवं
केरवं (कैरवम्) वइसवणो, वेसवणो (वैश्रवण:) वइसम्पायणो वेसम्पायणो (वैशम्पायनः) वइआलिओ, वेआलियो (वैतालिकः) वइसि, वेसि (वैशिकम्) चइत्तो, चेत्तो (चैत्र:)। नियम १८२ [एच्च दैवे १२१५३] दैव शब्द के ऐ को ए और अइ
आदेश विकल्प से होता है। ऐ7ए, अइ—देव्वं, दइव्वं, दइवं (देवम्) ।
नियम १८३ [उच्चचिस्यमः १।१५४] उच्च और नीचे शब्दों के ऐ
को अअ आदेश होता है। ऐ-अअ-उच्चअं (उच्चैः) नीचरं (नीचैः)
नियम १८४ [ईद् धर्ये १११५५] धैर्य शब्द के ऐ को ईकार होता है। ऐ-ई-धीरं (धैर्यम्) प्रयोग वाक्य .
विवणिम्मि अणेगे आवणा संति । सो हट्टत्तो निसाए विलंबेण आयाइ ।
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