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स्वरादेश (४) धातु का प्रयोग करो
हम लोग गुरु की उपासना करते हैं। सुनार सोने को शुद्ध करता है । मैं मानता हूं आप होशियार हैं। सरोज लकडी पर पालिश करती है। मुलतान कपडा बेचता है । विमला पात्रों को जोडती है। वह दिन में मक्खी मारता है । तुम कितने समय से यहां प्रवास करते हो ? धनंजय गुरु की सेवा में उपस्थित रहता है । लोकेश चलाकर किसी को पीडा नहीं देता है । अव्यय का प्रयोग करो
तुम यहां मत रहो । झूठ का फल अंततः बुरा होता है । व्यर्थ में किसी के साथ विवाद मत करो। उसने पुस्तक पढी, उसके बाद कभी गलती नहीं की। वह व्यर्थ ही दूसरों की निंदा करता है।
प्रश्न १. विस्स, उभय, अण्ण, कयर, अवर, इयर आदि शब्दों के रूप बताओ। २. इ को क्या-क्या आदेश होता है ? प्रत्येक आदेश के एक-एक उदाहरण
बताओ। ३. पुहई, मूसओ, वीसा, दुविहो, सढिलं, पावासुओ, जहुट्ठिलो शब्दों में किस
नियम से क्या हुआ है ? ४. द्वेष, सर्वज्ञ, श्रावक, मृत्यु, संथारा, श्राविका और आत्मा के लिए प्राकृत
के शब्द बताओ। ५. जुंज, उवास, ओप्प, विक्के, पवस, सोह और पील धातु के अर्थ बताओ
और वाक्य में प्रयोग करो। ६. तत्तो, मुहा, मुसा, अव्ययों को वाक्य में प्रयोग करो। ७. अवसामिआ, पिट्ठगो, अब्भूसो, कुच्चिआ, महुसीसो, हेमी, भिंगो, कुल्लडं, चिरिक्का शब्दों का हिन्दी में अर्थ बताओ और प्राकृत में वाक्य में प्रयोग करो।
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