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________________ २६ स्वरादेश (३) आ को आदेश शब्द संग्रह (पात्रवर्ग) घडा-घडो तांबे का घडा-कलसो मटका-कयलं (दे०) तुम्बीपात्र, तुंबो-कुउआ (दे०) लोटा--करगो गिलास, सुराही--कंसो झारी--भिंगो दही रखने का मिट्टीपात्र-गग्गरी कुंडी--करंडी कुलडी-कुल्लडं सकोरा-कोडिअं (दे०) । काच की गिलास-कायकंसो पानी भरने का मशक-चिरिक्का (दे०) धातु संग्रह उक्कुद्द-ऊंचा कूदना भज्ज-भांगना, तोडना अवसीअ-अवसाद पाना, खिन्न होना लिप्प--लेप करना । संजम-संयम करना पडिकूल-विपरीत होना सर-स्मरण करना पमुच्च-प्रमुक्त होना हिंस--हिंसा करना उवे—पास जाना _ अव्यय संग्रह तेण (तेन)-उस तरफ से जेण (येन)-जिस तरफ से एव (एवं)-इस प्रकार सुठ्ठ (सुष्ठु)-अच्छा । इहेव (इहैव)--यहीं, यहीं पर नमो, णमो (नमः)-नमस्कार विस्स, उभय, अन्न, कयर, अवर आदि शब्दों को याद करो। इनके रूप सर्व शब्द की तरह चलते हैं । आ को अ, इ, उ, ऊ, ए आवेश नियम ९८ (वाव्ययोत्खातादावदातः ११६७) अव्यय और उत्खात आदि शब्दों में पहले आकार को अकार विकल्प से होता है। आ7 अ अव्यय-जह, जहा । तह तहा। अहव, अहवा । व वा । ह हा।। शब्द-उक्खयं, उक्खायं (उत्खातम्) कलओ, कालओ (कालकः) चमरो, चामरो (चामरः) ठविओ, ठाविओ (स्थापितः) परिट्ठविओ, परिट्ठाविओ (परिस्थापितः) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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