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प्राकृत वाक्यरचना बोध
खीर का भोजन है । स्कूल में अध्यापक ने १० लडकों को पांच घेवर दिए। कसार को खाना कौन पसंद करता है ? गुज्झिआ इस प्रदेश में कहां बनता है ? इमरती से जलेबी अच्छी लगती है। बर्फी हर शहर में नहीं मिलती है। आज किसके घर में गुलाबजामुन बनेगा ? रसगुलों को खाने के विवाद में मैं हार गया। गजक प्रकृति से वायु का नाश करती है। तु खाजा को जल्दी खा जा। सुलोचना गुज्झिआ बनाना नहीं जानती है । शक्करपारा बहुत दिनों से मैंने खाया है। पेडा में दूध का भाग अधिक है। रबडी को देखकर उसके मुंह में पानी आ गया। क्या तुम्हारी कलाकंद खाने की इच्छा होती है ? उसके विवाह में पपडी किसी ने नहीं खाई। मोहनभोग आजकल विवाह की प्रमुख' (पमुह) मिठाई है। लोकेश बालुशाही को खाना पसंद करता है। पेठे की मिठाई फल की मिठाई है। धातु का प्रयोग करो
साधु सूर्योदय के बाद शीतकाल में भी विहार करते हैं। रमेश शेखी मारता है कि मैं पांच घंटा भाषण दे सकता हूं। लोगों को मरते देखकर भी वह अपने को अमर मानता है। वह मुझे सांप की तरह डसता है । वह जानकर अतिपात करता है इसलिए उसके कर्मबंधन सघन होते हैं। उपालंभ मिलने पर वह खिन्न हो जाता है। काम करने से पहले वह चिंतन करता है। साधु सब लोगों के लिए धर्म कहते हैं। अव्यय का प्रयोग करो
वह लकडी में छेद करता है । साधु की पूजा सर्वत्र होती है । आत्मा साक्षात् नहीं है। आप चिरकाल तक जीवित रहें । ग्राम के बीच में साधुओं का स्थान है । निरंतर अप्रमाद रहना चाहिए । सब पढते हैं केवल तुम नहीं पढते हो । किसी जगह भी मूर्ख का सम्मान नहीं होता है।
. प्रश्न १. इस पाठ में अकार को क्या आदेश हुए हैं ? एक-एक उदाहरण दो । २. परोप्पर, सव्वण्णू, पेरंतो, सोवइ, अन्तेआरी, लाउ-इन शब्दों में अ को __ क्या-क्या आदेश हुए हैं, नियम सहित बताओ। ३. इमरती, वर्फी, गुलाबजामुन, रसगुल्ला, गजक, खाजा, लड्डू, मालपुआ,
गुज्झिया, शक्करपारा, पेडा, रबडी, कलाकंद, घेवर, पपडी, मोहनभोग, जलेबी, कसार, बालुशाही, पेठे की मिठाई-इन शब्दों के लिए प्राकृत के
शब्द बताओ। ४. विंध, पगब्भ, कत्थ, अइवाअ, डस, फुट्ट और अमराय धातु के अर्थ
लिखो। ५. सक्खं, कत्थइ, चिरं, मज्झे, केवलं-इन अव्ययों को वाक्य में प्रयोग करो। ६. आत्मन् शब्द के रूप बताओ।
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