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विषय-प्रवेश
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तुलनात्मक अध्ययन भी किया। इनका अभिमत था कि जैन कथानक भारतीय सांस्कृतिक इतिहास के लिए भी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। उन्होंने Buddha und Mahavira नामक ग्रन्थ की रचना 19 2 2 में की।
शुब्रींग
__ जैन विद्या के उपबृंहण में Walter Schubring (1 8 8 1 - 1 9 6 9) का महत्त्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने DasKalpasutra,diealte "SammlungJinistischerMoenchsvor schriyten" (The Kalpasutra the Ancient collection of Rules for Jain Monks)#146. शोधप्रबन्ध से अपनी पी.एच्.डी. की उपाधि प्राप्त की। जिसका प्रकाशन Indica, Leipzig से 1905 में हुआ। इसका अंग्रेजी अनुवाद श्री Burgess ने किया है। उन्होंने मूलपाठ का अनुवादनहीं किया। उस अनुवादित ग्रन्थ का प्रकाशन Indian Antiguaryसे 1910 में हुआ।
शुब्रींगद्वारा लिखित WorteMahaviras,KritischeUebersetzungen, aus dem Kanon der Jaina (Words of Mahavira, critical Translation from the Jaina canon) 192 6 मेंGoettingenमें प्रकाशित हुई। इसमें कुछमहत्त्वपूर्ण आगम-ग्रन्थों के विशिष्ट उद्धरणों का समायोजन है।
श्रीशुश्रींगने Die Lehreder Jainas nachalten Quellen dargestelltनाम का एकविशद प्रबन्ध (Monograph)जैन सिद्धांत पर लिखाजोउनके विशिष्ट ज्ञान का परिचायक है।'EncyclopediaofIndo-AryanResearch'में 1 9 3 4 में Leipzigसेजिसका प्रकाशन हुआ। इस विशिष्ट ग्रन्थ का अंग्रेजी अनुवाद श्री W. Beurlen ने किया, जिसका प्रकाशन 'The Doctrine of the Jainas' नाम से 1 9 6 2 में दिल्ली में हुआ।
विश्व धर्मों का अध्ययन करने वाली 'Die Religionen der voelker' नामक एक सिरीज 36 volume में Stusttgart से प्रकाशित हुई थी। इस सीरिज के 13वें volume में
श्री शुब्रींग द्वारा लिखित Jainism नाम का दूसरा महत्त्वपूर्ण प्रबन्ध प्रकाशित हुआ। श्री A. Sen ने इसका अनुवाद अंग्रेजी में किया। वह ग्रन्थ Calcutta SanskritCollageResearch Series No. LII में प्रकाशित हुआ। श्री शुब्रींग ने साहित्य के माध्यम से जैनदर्शन की अपूर्व सेवा की है। डेल्यू
जोजेफडेल्यू (Jozef Deleu) ने भगवती सूत्र पर कार्य किया है जिसका प्रकाशन सन् 1970 में "De Tempelhof 37, Brugge (Belgie)से हुआ है। पश्चिमीजगत् में भगवती पर सबसे पहले कार्य वेबर ने किया था। उनके पश्चात् शुब्रींग ने भगवती पर कुछ कार्य किया था किंतु स्वतंत्र रूप से भगवती पर वेबर के पश्चात् जोजेफ डेल्यू ने ही कार्य किया है। विद्वान्
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