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जैन आगम में दर्शन
सदृश
नहीं
नहीं
प्रज्ञापना-पद
प्रज्ञापना-पद, उत्तराध्ययन चूर्णि और भगवती जोड़ के अनुसार स्वीकृत यंत्र__ क्र. गुणांश
विसदृश जघन्य + जघन्य जघन्य + एकाधिक
नहीं जघन्य + व्यधिक
नहीं जघन्य + व्यादिअधिक जघन्येतर + समजघन्येतर
जघन्येतर + एकाधिकतर 7. जघन्येतर + व्यधिकतर 8. जघन्येतर + त्र्यादिअधिकतर
नहीं
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बंधकेसम्बन्ध में सभीपरम्पराएंसदृशनहीं हैं । द्रष्टव्ययंत्र तत्त्वार्थभाष्यानुसारिणी टीका 5/55 के अनुसार
सदृश
विसदृश
.
नहीं
नहीं
नहीं
no
ho
क्रमांक गुणांश
जघन्य + जघन्य जघन्य + एकाधिक जघन्य + व्यधिक जघन्य + व्यादिअधिक जघन्येतर + समजघन्येतर
जघन्येतर + एकाधिक जघन्येतर 7. जघन्येतर + व्यधिक जघन्येतर 8. जघन्येतर + अधिक जघन्येतर
MVM
he
is
है
no
नहीं नहीं है है
no
no
la
दिगम्बर ग्रंथ सर्वार्थसिद्धि के अनुसारक्रमांक गुणांश
सदृश
नहीं
1. 2. 3. 4.
जघन्य + जघन्य जघन्य + एकाधिक जघन्य + व्यधिक जघन्य + व्यादिअधिक
नहीं नहीं नहीं
विसदृश नहीं नहीं नहीं नहीं
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