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अध्याय 36 ]
स्थापत्य
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रेखाचित्र 47. मेरु (प्रभाशंकर ओ० सोमपुरा के अनुसार) : 1. मेरु की विन्यास-रेखा; 3, 4, 6, 7. चार सिंह-पीठ; 5. चूलिका पर शाश्वत जिन-चैत्य अर्थात् तीर्थंकर की सर्वतोभद्र मूति; 8.2. मेरु का पार्श्व-दृश्य भद्रशाल वन; 9. नंदन वन; 10. सौमनस वन; 11. पाण्डुक वन; 12-14. तीर्थंकरों के पीठ; 15.
उपर्युक्त पाँचवें के अनुसार।
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