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अध्याय 36 ]
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रेखाचित्र 44. त्रिलोक की रचना ( मुक्यानन्द सिंह जैन के अनुसार ) : 1. अधोलोक ; 2. मध्यलोक; 3. ऊर्ध्वलोक; 4. घनोदधि वात-वलय; 5 घन वात-वलय; 6. तनु वात-वलय; 7. निगोद; 8. वातवलय; 9. सातवां नरव; 10. छठा नरकः 11. पाँचवाँ नरक; 12. चौथा नरक; 13. तीसरा नरक; 14. दूसरा नरक; 15 पहला नरक और उसके तीन खण्ड; 16. सुदर्शन मेरु; 17. सौधर्म स्वर्ग; 18. ऐशान स्वर्ग; 19. सानत्कुमार स्वर्ग; 20. महेंद्र स्वर्ग; 21. ब्रह्म स्वर्ग; 22. ब्रह्मोत्तर स्वर्ग; 23. लां तव स्वर्ग; 24. कापिष्ठ स्वर्ग; 25. शुक्र और महाशुक्र स्वर्ग; 26. शतार और सहस्रार स्वर्ग; 28. प्रारण और अच्युत स्वर्ग; 29 नौ ग्रेवेयक स्वर्ग; 30. नौ अनुदिश 31. पाँच अनुतर स्वर्ग; 32. सिद्ध- शिला
27. आनत और प्राणत स्वर्ग;
स्वर्ग
स्थापत्य
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