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वास्तु-स्मारक एवं मूर्तिकला 600 से 1000 ई०
[ भाग 4 के ठीक नीचे एक श्रद्धावनत महिला की मूर्ति उत्कीर्ण है। शैली के आधार पर इन सभी प्रतिमाओं का काल-निर्धारण नौवीं शताब्दी के लगभग किया जा सकता है। सर्वतोभद्रिका तथा अन्य तीर्थकरप्रतिमाओं का काल-निर्धारण दसवीं शताब्दी किया गया है। सर्वतोभद्रिका प्रतिमा में तीर्थंकरों को कायोत्सर्ग-मुद्रा में अंकित किया गया है।
मुनीशचन्द्र जोशी
1 मुनिसुव्रत की अन्य प्रतिमाओं के नीचे श्रद्धावनत महिला की प्रतिमा के संदर्भ में द्रष्टव्य : मित्रा (देबला).
आइकॉनॉग्राफिक नोट्स. जर्नल प्रॉफ दि एशियाटिक सोसायटी. 1; 1958; 38-39. इलाहाबाद संग्रहालय की प्रतिमाओं के विस्तृत विवरणों के लिए द्रष्टव्य : प्रमोदचंद्र. स्टोन स्कल्पचर इन दि इलाहाबाद म्यूजियम. 1971 ( ? ). पूना.
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