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________________ सूत्रांक पृष्ठांक २२९ ३४१ ३४१ m . २३१ ३४२-३४७ ३४२ २३२-२५६ २३२ २३३ २३४ २३५ ३४२ mmmmmmmm rrm mr २३७ KAR ३४३ ३४४ mmmmmm 2vorgovor ३४४ धर्मकथानुयोग-विषय-सूची २५ सद्दालपुत्र का उपासक प्रतिमा आराधन २६ सद्दालपुत्र का अनशन २७ सद्दालपुत्र का समाधिमरण, देवलोक में उत्पत्ति, और उसके बाद सिद्धगति प्राप्त करने का निरूपण महाशतक गाथापति का कथानक १ राजगृह में महाशतक गाथापति २ भगवान महावीर का समवसरण ३ महाशतक का समवसरण में जाना और धर्मश्रवण करना महाशतक का गृहीधर्म ग्रहण करना महाशतक की श्रमणोपासक चर्या ६ भगवान का जनपद विहार ७ भोगाभिलासिणी रेवती की चिन्ता ८ रेवती का सपत्नियों को मार देना ९ रेवती का मांस मद्य सेवन १० अमारी की घोषणा होने पर भी रेवती का मांस-मद्य सेवन ११ महाशतक की धर्मजागरिका १२ रेवती ने महाशतक को अनुकूल उपसर्ग किया १३ महाशतक का उपासक प्रतिमा आराधन १४ महाशतक का अनशन १५ महाशतक को अवधिज्ञान की उत्पत्ति १६ रेवति ने महाशतक को पुनः अनुकूल उपसर्ग किया १७ विक्षेप से कुपित महाशतक ने रेवती का मरण के बाद नरक गमन कहा १८ भ. महावीर का समवसरण महाशतक के पास गौतम को भेजना २० गौतम का महाशतक के पास जाना २१ महाशतक का गौतम को वंदन करना २२ गौतम ने महाशतक का 'प्रायश्चित्त करने का भगवन्त का कथन कहा २३ महाशतक का प्रायश्चित्त करना २४ गौतम का लौट जाना २५ भगवान का जनपद विहार २६ महाशतक का समाधिमरण देवलोक में उत्पत्ति और उसके बाद सिद्धगति प्राप्त करने का निरूपण, १३ नन्दिनीपिता गाथापति का कथानक १ श्रावस्तिनगरी में नन्दिनीपिता गाथापति २ भ. महावीर का समवसरण ३ नन्दिनीपिता का समवसरण में जाना और धर्म श्रवण करना ४ नन्दिनी पिता का गृहीधर्म स्वीकार करना ५ भगवान का जनपद विहार नन्दिनीपिता की श्रमणोपासकचर्या ७ अश्विनी भार्या की श्रमणोपासिकाचर्या mr २४५ m m २४७ in m ३४६ २५२ २५३ २५४ २५५ mm 0 mm GGG की ३४७ ३४७ ३४७ ३४७-३४९ २५६ २५७-२६८ २५७ २५८ ३४८ ३४८ ००० ३४८ २६१ ३४८ ३४८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001954
Book TitleDhammakahanuogo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages810
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Story, Literature, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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