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सूत्रांक
२६४-२६५
२६६
१० नन्दिनीपिता का अनशन
२६७
नन्दिनीपिता का समाधिमरण देवलोक में उत्पत्ति और उसके बाद सिद्धगति प्राप्त होने का निरूपण २६८
११ १४ लेतिकापिता गाथापति का कथानक
२६९-२७९
धर्मकथानुयोग-विषय-सूची.
८
नन्दिनीपिता की धर्मजागरिका
९ नन्दिनीपिता की उपासक प्रतिमा आराधना
१७
१ श्रावस्ति नगरी में लेतिका पिता गाथापति
२
भगवान् महावीर का समवसरण
३
लेतिका पिता गाथापति का समवसरण में जाना और धर्मश्रवण करना
५
६
૩
८
९
१०
११
लेतिका पिता का गृही धर्म ग्रहण करना
भगवान का जनपद विहार
लेतिका पिता की श्रमणोपासक चर्या
१५ ऋषिभद्रपुत्रादिक श्रमणोपासक
फाल्गुनी भार्या को श्रमणोपासका चर्या
लेतिकापिता की धर्मजागरिका
लेतिका पिता का उपासक प्रतिम। आराधन करना
१ आवधिका नगरी में ऋषभादिक श्रमणोपासक
२ देवस्थिति विषयक विवाद
१
२
३
लेतिकापिता का अनशन
लेतिकापिता का समाधिमरण देवलोक में उत्पत्ति और उसके बाद सिद्धगति प्राप्त करने का निरूपण
१६ शंख और पोक्खली असणोपासक
३
भ. महावीर का समवसरण
४
भ. महावीर ने ( देवस्थिति विषयक) समाधान किया
५ ऋषिभद्रपुत्र सम्बन्धित गौतम का प्रश्न और भ महावीर का उत्तर
(२७)
ی
श्रावस्ती नगरी में शंख और पोक्खली
भ. महावीर का समवसरण
शंख का पौषध करना
शंख के कहे अनुसार श्रावस्ती के श्रमणोपासकों ने पौषध के पहले विपुल अशनादि बनाये ५ अशनादिका आहार करने के लिये पोक्खली ने शंख को निमंत्रण दिया
६ शंख ने निमंत्रण स्वीकार नहीं किया
अन्य श्रमणोपासकों ने पौषध के पहले अशनादि का आहार किया
८ शंख ने पारणा के पूर्व भ. महावीर की पर्युपासना की
९ श्रमणोपासकों ने शंख की हीलना की
१०
भ. महावीर ने शंख की हीलना न करने के लिए कहा
११
भ. महावीर ने जागरिका के प्रकार कहे
१२
" कषाय का फल कर्मबंधन है" यह जानकर श्रमणोपासकों की शंख से क्षमायाचना
१३
शंख की देवगति और सिद्धगति
वरुण नाग नप्तृक
श्रमणोपासक
१
"संग्राम में मरने वाला देवता होता है" इस सम्बन्ध में गौतम का प्रश्न
२
भ.
महावीर के उत्तर में "वरुण का कथानक "
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