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धर्मकथानुयोग-विषय-सूची ३ भ. महावीर का समवसरण ४ भ. महावीर के समवसरण में आनन्द का जाना और धर्म श्रवण करना ५ आनन्द का गृहीधर्म ग्रहण करना ६ आनन्द गाथापति के श्रावक धर्म का विवरण ७ सम्यक्त्व आदि के अतिचार ८ आनन्द का अभि ग्रह और शिवानन्दा को गहीधर्म पालन के लिए प्रेरणा देना
शिवानन्दा का भगवान को वंदन करने के लिए जाना और धर्म श्रवण करना शिवानन्दा का गृहीधर्म ग्रहण करना
आनन्द के प्रव्रज्या ग्रहण करने के सम्बन्ध में गौतम का प्रश्न और भगवान का समाधान १२ भगवान का जनपद विहार
आनन्द की श्रमणोपासक चर्या १४ शिवानन्दा की श्रमणोपासिका चर्या १५ आनन्द की धर्म जागरिका और गही व्यापार का त्याग १६ आनन्द का उपासक प्रतिमा स्वीकार करना १७ आनन्द का अनशन १८ आनन्द को अवधिज्ञान की उत्पत्ति
गोचरचर्या के लिए निकले हुए गौतम का आनन्द के समक्ष आना २० अवधिज्ञान के सम्बन्ध में आनन्द और गौतम का संवाद २१ भगवान ने गौतम की शंका का निराकरण किया २२ गौतम द्वारा क्षमा याचना २३ भगवान का जनपद विहार
२४ आनन्द का समाधिमरण, देवलोक में उत्पत्ति. और उसके बाद सिद्धगति का निरूपण ६ कामदेव गाथापति का कथानक
१ चम्पानगरी में कामदेव गाथापति २ भ. महावीर का समवसरण ३ कामदेव का समवसरण में गमन और धर्म श्रवण ४ कामदेव का गृहीधर्म स्वीकार करना
भगवान का जनपद विहार
कामदेव की श्रमणोपासक चर्या ७ भद्रा की श्रमणोपासिका चर्या ८ कामदेव की धर्म-जागरिका और गृह व्यापार का त्याग
कामदेव ने पिशाचरूप से किया गया मारणांतिक उपसर्ग सम्यक् प्रकार से सहन किया १० कामदेव ने हाथीरूप से किया गया उपसर्ग सम्यक् प्रकार से सहन किया ११ कामदेव ने सर्परूप से किया गया उपसर्ग सम्यक् प्रकार से सहन किया १२ देव ने स्वाभाविक रूप धारण करके कामदेव की प्रशंसा की और क्षमायाचना की १३ कामदेव ने प्रतिज्ञा की १४ कामदेव ने भगवान् की पर्युपासना की १५ भगवान ने कामदेव के उपसर्ग का स्पष्टीकरण किया १६ भगवान ने कामदेव की प्रशंसा की १७ कामदेव का लौटना १८ भगवान का जनपद विहार
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