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________________ (२८) सूत्रांक पृष्ठांक २२४ २२४ २२४ २१८-२१९ २२०-२२२ २२३-२२५ २२६ २२७-२२८ २२९-२३० २३१ २३२-२३३ २३४-२४१ २२५ २२५ २२५ २२५-२२६ २२६-२२८ २३४ २२६ २२६ २३५ m mmm 9 . २२६-२२७ २२७ २२७ २२७-२२८ २४० २४१ २४२-२६४ २२८ धर्मकथानुयोग-विषय-सूची ९ १ कमा, २ सतेरा, ३ सोयामणी, ४ इन्दा, ५ घनविद्युता-इनके कथानक १० शेष दाक्षिणात्य इन्द्र की अग्रमहिषियों के कथानकों की सूचना ११ उत्तरीय इन्द्र की रुया आदि अग्रमहिषियों के कथानक १२ दाक्षिणात्य पिशाचकुमारेन्द्र की कमला आदि अग्रमहिषियों के कथानक १३ उत्तरीय पिशाचेन्द्र की महाकाली आदि अग्रमहिषियों के कथानक १४ सूर्य को अग्रमहिषियों के कथानक १५ चन्द्र की अग्रमहिषियों के कथानक १६ शक्र की पद्मावती आदि अग्रमहिषियों के कथानका १७ ईशानेन्द्र की कृष्णा आदि अग्रमहिषियों के कथानक ६ भ. पार्श्वनाथ के तीर्थ में भूता आदि श्रमणियों के कथानक १ संग्रहणी गाथा २ भ. महावीर के समवसरण में श्रीदेवी की नृत्य विधि ३ श्रीदेवी के पूर्वभव में भूता का कथानक ४ भ. पार्श्वनाथ के समवसरण में गमन ५ भूता की प्रव्रज्या ६ भूता निर्ग्रन्थी का शरीर बाकुशिकत्व. (सदोष चरित्र) ७ भूता का देवी होना ८ भ. पार्श्वनाथ की ही आदि श्रमणियों के कथानक ७ पावस्था (शिथिलाचारिणी) सुभद्रा श्रमणी का कथानक. १ भ. महावीर के समवसरण में बहुपुत्रिका देवी की नृत्य-विधि २ बहुपुत्रिका देवी का पूर्वभवरूप सुभद्रा का कथानक ३ सुभद्रा को अपने बंध्यत्व की चिन्ता ४ आर्याओं से पुत्र होने का उपाय पूछा ५ आर्याओं ने धर्म कहा ६ सुभद्रा ने गृहीधर्म स्वीकार किया ७ सुभद्रा का प्रव्रज्या संकल्प ८ सुभद्रा की प्रव्रज्या बालकों से स्नेह रखने वाली सुभद्रा निर्ग्रन्थी की विविध प्रकार की बालक्रीड़ायें १० आर्या सुभद्रा को बालक्रीड़ाओं का निषेध करना ११ सुभद्रा का पृथक् वास सुभद्रा की संलेखना. बहुपुत्रिकादेवी के रूप में उपपात १३ बहुपुत्रिका नाम का तात्पर्य १४ बहुपुत्रिका देवी की स्थिति का कथन, और भावी जन्म काकथानक. १५ बहुपुत्रिका देवी का सोम भिव १६ बत्तीस सन्तानों से सोमा की मनोपीड़ा सोमा की वंध्यत्व-प्रशंसा १८ सोमा का धर्म-श्रवण १९ सोमा का प्रव्रज्या-संकल्प, २० राष्ट्रकूट ने प्रवज्या लेने का निषेध किया २१ सोमा का श्रावक धर्म-ग्रहण करना २४२ २४३ २४४ २२८-२३३ २२८ २२८ २२८ २२९ २४५ २२९ २४७ २४८ २२९ २२९-२३० ९ बालकास २५० २५१ २५२ २५३ २३०-२३१ २३१ २५४ २५५ २५६ w m rrrrrrrrrrrrNY w २५७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001954
Book TitleDhammakahanuogo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages810
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Story, Literature, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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