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सूत्रांक
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पृष्ठांक २१४ २१४ २१४ २१४-२१५ २१५ २१५ २१५
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धर्मकथानुयोग-विषय-सूची १२ पोट्टिला का दानशाला चालु करना १३ आर्या-संघाटक का भिक्षा के लिए आगमन १४ पोटिला ने अमात्य के प्रसन्न होने का उपाय पूछा १५ आर्या संघाटक ने धर्मोपदेश दिया १६ पोट्टिला ने श्राविका-धर्म ग्रहण किया १७ पोट्टिला का प्रव्रज्या-ग्रहण संकल्प १८ तेतलीपुत्र को धर्म का बोध कराने के लिये वचन बद्ध पोट्टिला का प्रव्रज्या ग्रहण
और देवलोक में उपपात १९ कनकरथ की मृत्यु ।
कनकध्वज का राज्याभिषेक २१ तेतली-पुत्र का सम्मान २२ तेतली-पुत्र को धर्म-बोध कराने के लिए पोट्टिल देव कृत उपाय २३ तेतली-पुत्र की मरण चेष्टा का विफलीकरण २४ तेतली-पुत्र को विस्मय २५ पोट्टिलदेव का संवाद २६ जातिस्मरण के अनन्तर तेतली-पुत्र का प्रव्रज्या-ग्रहण २७ तेतली-पुत्र अणगार को केवलज्ञान २८ कनकध्वज का श्रावक धर्म-ग्रहण करना.
२९ तेतली-पुत्र केवली की सिद्धि ४ भ. पार्श्वनाथ के तीर्थ में काली आदि श्रमणियों के कथानक
१ धर्मकथा के दस वर्ग २ चमर चंचा में काली देवी ३ भ. महावीर के समीप काली देवी की नृत्य-विधि ४ गौतम ने काली देवी के पूर्वभव की पृच्छा की ५ काली देवी का पूर्वभव में भी काली नाम था ६ काली ने भ. पार्श्वनाथ के दर्शन किये और धर्म-श्रवण किया ७ काली का प्रव्रज्या-संकल्प ८ काली की प्रव्रज्या ९ काली का बाकुशिक चारित्र १० काली का पृथक् विहार ११ काली की मृत्यु और देवी होना
१२ काली देवी की स्थिति और सिद्धि ५ भ. पार्श्वनाथ के तीर्थ में राई आदि श्रमणियों के कथानक
१ राई के कथानक में राई देवी का नृत्य २ राई देवी का पूर्वभव ३ रजनी का कथानक ४ विज्जू का कथानक ५ मेधा का कथानक ६ शुंभा का कथानक ७ १निसंभा, २ रंभा. ३ निरंभा ४ मदना इन चारों के कथानक ८ अला का कथानक
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