SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 90
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (२७) सूत्रांक १७४ १७५ १७६ पृष्ठांक २१४ २१४ २१४ २१४-२१५ २१५ २१५ २१५ १७७ १७८ १७९ १८०-१८१ १८२ १८३ २१५-२१६ २१६ १८४ १८५-१८६ १८७ २१६-२१७ २१७ २१७-२१८ १८८ १८९ २१८ २१८ २१८ धर्मकथानुयोग-विषय-सूची १२ पोट्टिला का दानशाला चालु करना १३ आर्या-संघाटक का भिक्षा के लिए आगमन १४ पोटिला ने अमात्य के प्रसन्न होने का उपाय पूछा १५ आर्या संघाटक ने धर्मोपदेश दिया १६ पोट्टिला ने श्राविका-धर्म ग्रहण किया १७ पोट्टिला का प्रव्रज्या-ग्रहण संकल्प १८ तेतलीपुत्र को धर्म का बोध कराने के लिये वचन बद्ध पोट्टिला का प्रव्रज्या ग्रहण और देवलोक में उपपात १९ कनकरथ की मृत्यु । कनकध्वज का राज्याभिषेक २१ तेतली-पुत्र का सम्मान २२ तेतली-पुत्र को धर्म-बोध कराने के लिए पोट्टिल देव कृत उपाय २३ तेतली-पुत्र की मरण चेष्टा का विफलीकरण २४ तेतली-पुत्र को विस्मय २५ पोट्टिलदेव का संवाद २६ जातिस्मरण के अनन्तर तेतली-पुत्र का प्रव्रज्या-ग्रहण २७ तेतली-पुत्र अणगार को केवलज्ञान २८ कनकध्वज का श्रावक धर्म-ग्रहण करना. २९ तेतली-पुत्र केवली की सिद्धि ४ भ. पार्श्वनाथ के तीर्थ में काली आदि श्रमणियों के कथानक १ धर्मकथा के दस वर्ग २ चमर चंचा में काली देवी ३ भ. महावीर के समीप काली देवी की नृत्य-विधि ४ गौतम ने काली देवी के पूर्वभव की पृच्छा की ५ काली देवी का पूर्वभव में भी काली नाम था ६ काली ने भ. पार्श्वनाथ के दर्शन किये और धर्म-श्रवण किया ७ काली का प्रव्रज्या-संकल्प ८ काली की प्रव्रज्या ९ काली का बाकुशिक चारित्र १० काली का पृथक् विहार ११ काली की मृत्यु और देवी होना १२ काली देवी की स्थिति और सिद्धि ५ भ. पार्श्वनाथ के तीर्थ में राई आदि श्रमणियों के कथानक १ राई के कथानक में राई देवी का नृत्य २ राई देवी का पूर्वभव ३ रजनी का कथानक ४ विज्जू का कथानक ५ मेधा का कथानक ६ शुंभा का कथानक ७ १निसंभा, २ रंभा. ३ निरंभा ४ मदना इन चारों के कथानक ८ अला का कथानक १९१ १९२ १९३ १९४-२०८ १९४-१९५ २१८ २१८ २१९-२२२ २१९ १९७-१९८ १९९ २०१-२०२ ० ir rir innr ० ० ० २१९ २१९-२२० २२० २२० २२० २२०-२२१ २२१-२२२ २२२ २२२ २२२ GFK २२२ २०८ २०९-२३३ २२३-२२६ २२३ २२३ २२३ ००० rrrrrrr or orror Ꮻ . Ꮺ WWWW Ꮺ २२३ २१४ २२३-२२४ २२४ २१६ २२४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001954
Book TitleDhammakahanuogo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages810
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Story, Literature, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy