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________________ (२६) सूत्रांक पृष्ठांक २०२ २०२ २०२ ७२ २०२-२०३ २०३ २०४ १२०-१२१ १२२ १२३-१२७ १२८ १२९-१३२ १३३-१३७ १३८ १३९ १४०-१४१ १४२-१४३ १४४ १४५-१४६ १४७-१६० २०४-२०५ २०५ २०५ २०५-२०६ २०६ २०७ २०७ २०८-२११ १४७ १४८ धर्मकथानुयोग-विषय-सूची ६८ श्रीकृष्ण का नृसिंह रूप बनाना ६९ पद्मनाभ का श्रीकृष्ण का शरण स्वीकार करना द्रौपदी सहित पाण्डव और श्रीकृष्ण का आगमन ७१ धातकी खण्ड के कपिल वासुदेव और भरत क्षेत्र के श्रीकृष्ण वासुदेव का शंख-शब्द से मिलना कपिल ने पद्मनाभ को निर्वासित कर दिया अपरिक्षणीय श्रीकृष्ण की पाण्डवों ने परीक्षा की ७४ श्रीकृष्ण ने पाण्डवों को निर्वासित कर दिया ७५ पाण्डु-मथुरा बसाना ७६ पण्डुसेन का जन्म पाण्डव और द्रौपदी की प्रव्रज्या १८ भ. अरिष्टनेमि का निर्वाण ७९ पाण्डबों का निर्वाण ८० द्रौपदी की देवगति भ. अरिष्टनेमि के तीर्थ में पद्मावती आदि श्रमणियों के कथानक १ संग्रहणी-गाथा २ श्रीकृष्ण वासुदेव की देवी पद्मावती ३ अर्हन्त अरिष्टनेमि ने चारयाम धर्म की देशना दी ४ श्रीकृष्ण ने द्वारिका के विनाश का कारण पूछा ५ श्रीकृष्ण को द्वारिका के विनाश से चिन्ता निदान करने से सभी बासुदेव प्रवजित नहीं होते ऐसा स्पष्टीकरण ७ श्री कृष्ण का अनन्तर भव में पाताल लोक में निवास ८ आगामी उत्सपिणी में श्रीकृष्ण का अमम भव में तीर्थकर पद ९ श्रीकृष्ण ने अन्य के प्रवज्या ग्रहण में सहाय की घोषणा १० पद्मावती देवी का प्रव्रज्या संकल्प .११ पद्मावती की प्रव्रज्या १२ पद्मावती की सिद्धगति १३ गोरी प्रभृति के कथानक संक्षेप १४ मूलसिरि-मूलदत्ता के कथानक ३ पोट्टिला का कथानक १ तेतलीपुर में तेतलीपुत्र अमात्य २ स्वर्णकार की पुत्री पोट्टिला ३ तेतलीपुत्र की पोट्टिला में आसक्ति ४ पोट्टिला का वरण ५ पोट्टिला का पाणि-ग्रहण ६ कनकरथ राजा की राज्यासक्ति और पुत्र का अंग-छेदन ७ पद्मावती ने पुत्र की रक्षा के लिए तेतली पुत्र की स्वीकृति ८ पद्मावती का पुत्र और पोट्टिला की पुत्री का जन्म के बाद परस्पर परावर्तन ९ पुत्री का मृतक कार्य १० अमात्य-पुत्र का जन्मोत्सव और कनकध्वज नामकरण ११ अमात्य की पोट्टिला से विरक्ति २०८ २०८ २०८ २०८ २०८ २०८-२०९ १५० १५२ १५३ २०९ १५४ १५६-१५७ १५८ २०९-२१० २१० २१० २१०-२११ २११ १५९ १६० १६१-१९३ २११-२१८ २११ २१२ २१२ २१२ २१२ १६९ १७० १७१ २१३ १७२ १७३ २१४ २१४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001954
Book TitleDhammakahanuogo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages810
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Story, Literature, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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