________________
(९)
सूत्रांक
पृष्ठांक १४० १४०-१४१
६०८-६०९ ६१०-६११ ६१२
धर्मकथानुयोग-विषय-सूची .१२ चक्रवर्ती का हार १३ चक्रवर्ती के ग्राम-पुर-पट्टण की संख्या १४ निधि-रत्न १५ चक्रवर्ती के चौदह रत्न १६ काकिणी रत्न की आकृति १७ जम्बूद्वीप में एकेन्द्रिय रत्नों की संख्या और उनके परिभोग का निरूपण
१८ जम्बूद्वीप में पंचेन्द्रिय रत्नों की संख्या और उनके परिभोग का निरूपण ११ बलदेव-वासुदेव सामान्य
१ बलदेव-वासुदेवों के माता-पिता आदि २ जम्बद्वीप में आगामी उत्सर्पिणी में होने वाले बलदेव-वासुदेव सम्बन्धी विविध प्ररूपण ३ बलदेवों की ऊँचाई और सर्वायु ४ वासुदेव प्रकीर्णक
६१४
१४१ १४१ १४१ १४१ १४२-१४४ १४२-१४३
६१५-६४० ६१५-६२२ ६२३-६२५ ६२६-६३१ ६३२-६४०
१४३-१४४ १४४
१-१७५
१-४९
१-२
३-४
ก .
१८-१९ २०-२१ २२-२४ २५-२७
२८
द्वितीय स्कंध . श्रमण-कथानक
अध्ययन १-४८ भ. विमलनाथ के तीर्थ में महब्बल श्रमण १ वाणिज्य ग्राम में भ. महावीर का आगमन २ सुदर्शन सेठ ने धर्म-श्रवण किया । ३ सुदर्शन सेठ ने काल के सम्बन्ध में प्रश्न पूछे ४ सुदर्शन सेठ ने पल्योपमादि के क्षय और अपचय आदि के सम्बन्ध में प्रश्न पूछे ५ भ. महावीर ने सुदर्शन सेठ के पूर्व भव के वर्णन में महब्बल की कथा कही ६ प्रभावतीदेवी ने स्वप्न में सिंह देखा ७ बलराजा ने स्वप्न-फल कहा ८ स्वप्न-लक्षण पाठकों ने स्वप्न-फल कहा ९ बलराजा ने प्रभावती देवी को पुनः स्वप्न-फल कहा १० बल राजा को महब्बल के जन्म की सूचना दी. ११ जन्म महोत्सव १२ महब्बल का नामकरण और अन्य संस्कार १३ शिक्षाग्रहण और पाणिग्रहण १४ धर्मघोष अणगार का आगमन १५ महब्बल ने धर्म-श्रवण किया १६ महब्बल ने प्रव्रज्या ग्रहण करने की इच्छा प्रगट की १७ महब्बल की प्रव्रज्या. देवभव. और सुदर्शन के रूप में जन्म
१८ सुदर्शन को जातिस्मरण ज्ञान और प्रव्रज्या ग्रहण २ भ. मुनिसुव्रत के तीर्थ में कार्तिक शेठ आदि के कथानक
१ भ. महावीर के समवसरण में शक्र की नृत्य विधि २ शक्र का पूर्व-भव के सम्बन्ध में प्रश्न ३ शक्र पूर्वभव में कार्तिक श्रेष्ठी था ४ भ. मुनिसुव्रत का हस्तिनापुर में आगमन
२९-३२ ३३-३४ ३५-३६ ३७-४०
४१
४२
१०-११
४३-४४ ४५-४७ ४८-४९ ५०-६०
११ १२-१३
له
35 ๆ
Morror
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org