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सूत्रांक
पृष्ठांक
३५२
८५
३५४ ३५५-३५८
८५
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३६२-३६४
८७-८८
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३७३ ३७४ ३७५-४०४
८९-९२
३७५
धर्मकथानुयोग-विषय-सूची ४५ भ. महावीर ने एक आसन पर बैठे हुए चौपन प्रश्नों के समाधान कहे ४६ भ. महावीर कृत पर्युषण ४७ वर्षाबास-गणना ४८ निर्वाण समय देवों का उद्योत करना ४९ भ. महावीर की आयुकाल गणना और अन्तिम उपदेश ५० गौतमस्वामी को केवल ज्ञान ५१ गणराजाओं द्वारा कृत उद्योत
निर्वाण के अनन्तर भस्मराशि-ग्रह और उसका प्रभाव ५३ निर्वाण के अनन्तर संयम का दुराराधन
भ. महावीर की श्रमणादि सम्पदा ५५ भ. महावीर के अनुत्तरदेवलोकगामी शिष्य
भ. महावीर की अन्तकृत भूमी ५७ भ. महावीर से दीक्षित राजा ५८ भ. महावीर के तीर्थ में तीर्थंकर-कर्म बांधने वाले
५९ भ. महावीर के तीर्थं में प्रवचन-निन्हव ७ भ. महापद्म-चरित्र
१ श्रेणिक का नरक गमन २ आगामी उत्सर्पिणी में नरक से निकलकर श्रेणिक का कुलकर-गृह में जन्म ३ महापद्म नामकरण ४ राज्याभिषेक
द्वितीय नाम-देवसेन ६ तृतीयनाम-विमलवाहन ७ भ. महापद्म की प्रव्रज्या ८ उपसर्ग सहन करना
प्रतिबंध का अभाव
केवल ज्ञान और केवल दर्शन ११ भ. महावीर और भ. महापद्म की देशना में साम्य
गणधरादि की समान सम्पद। आयु की समानता
अरहन्त महापद्म से आठ राजा दीक्षित होंगे ८ तीर्थकरों का सामान्य (संक्षिप्त) कथन
१ अढाई द्वीप में अर्हन्तादि वंशों की उत्पत्ति २ अढाई द्वीप में अर्हन्तादि की उत्पत्ति ३ जम्बूद्वीप के भरत-ऐरवत क्षेत्रों में उत्तम पुरुष ४ धातकी खण्ड में उत्तम पुरुष ५ पुष्करवर द्वीपार्ध में उत्तम पुरुष ६ जम्बूद्वीप के महाविदेह में अर्हन्तादि की उत्पत्ति ७ जम्बूद्वीप के ऐरवत क्षेत्र में (इस अवसर्पिणी में हुए) तीर्थंकर ८ जम्बूद्वीप के ऐरवत क्षेत्र में भावी तीर्थंकर ९ जम्बूद्वीप में होने वाले तीर्थंकर १० जम्बूद्वीप के तीर्थकरों की उत्कृष्ट संख्या
३७८ ३७९-३८० ३८१-३८२
३८३
३८४
३८५
९०-९१
३८६ ३८७-३८८ ३८९-४०१ ४०२ ४०३ ४०४ ४०५-४९३ ४०५-४०९ ४१०-४१५
९२
९२
९२-११३
له
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४१७-४१८ ४१९-४२० ४२१-४२२ ४२३ ४२४
९३-९४
९
४२५ ४२६
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