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________________ ५ ६ धर्मकथानुयोग-विषय-सूची ४५ जितशत्रु राजा का मिथिला में आगमन ४६ दूत का संदेश निवेदन ४७ कुम्भराजा द्वारा दूत का असत्कार ४८ जितशत्रु प्रमुख राजाओं से कुम्भ राजा का युद्ध भ. मल्ली ने चिंता का कारण पूछा ४९ ५० कुम्भराजा ने चिन्ता का कारण कहा ५१ भ. मल्ली ने उपाय कहा ५२ भ. मल्ली ने जितशत्रु प्रमुख राजाओं को बोध दिया ५३ जितशत्रु प्रमुख राजाओं को जातिस्मरण ज्ञान ५४ भ. मल्ली और जितशत्रु प्रमुख राजाओं का प्रव्रज्या संकल्प ५५ भ. मल्ली का निष्क्रमण महोत्सव ५६ भ. मल्ली को केवलज्ञान ५७ जितशत्रु प्रमुख राजाओं की प्रव्रज्या ५८ भ. मल्ली की शिष्य सम्पदा ५९ भ. मल्ली का निर्वाण भ. अरिष्ट नेमि चरित्र १ कल्याणक २ गर्भ में आगमन और स्वप्नदर्शन ३ जन्मादि ४ प्रव्रज्या ५ केवलज्ञान ६ गणधरादि-सम्पदा ७ अन्तकृतभूमि ८ कुमारवास आदि और निर्वाण भ. पार्श्वनाथ चरित्र १ कल्याणक २ गर्भ में आगमन ३ जन्मादि ४ प्रव्रज्या ५ उपसर्ग -सहन ६ केवलज्ञान ७ ८ ९ आगारवासादि और निर्वाण गणधरादि-सम्पदा अन्तकृत भूमी भ. महावीर - चरित्र १ पूर्वभव में पोट्टिल २ कल्याणक ३ देवानन्दा के गर्भ में आगमन ४ गर्भ में तीन ज्ञान ५ गर्भ-साहरण (३) Jain Education International For Private & Personal Use Only सूत्रांक २१३ २१४ २१५ २१६-२१८ २१९ २२० २२१ २२२-२२५ २२६-२२७ २२८ २२९-२३७ २३८ २३९ २४० २४१ २४२-२५२ २४२ २४३ २४४ २४५ २४६ २४७-२५० २५१ २५२ २५३-२६६ २५३ २५४-२५५ २५६ २५७-२५८ २५९ २६० २६१-२६४ २६५ २६६ २६७-३७४ २६७ २६८ २६९ २७० २७१-२७२ पृष्ठांक ४१ ४१ ४१ ४१-४२ ४२ ४२ ४३ ४३ ૪૪ ४४ ४४-४७ ४७ ४७ ४७-४८ ४८ ४८-५० ४८ ४८ ४९ ४९ ४९ ४९-५० ५० ५० ५१-५३ ५१ ५१ ५१ ५१-५२ ५२ 5555 ५२ ५२-५३ ५३ ५३ ५४-८८ 1252 205 ५४ ५४ ५४-५६ ५७ ५७-५८ www.jainelibrary.org
SR No.001954
Book TitleDhammakahanuogo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages810
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Story, Literature, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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