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सूत्रांक
पृष्ठांक
१४८ १४९ १५० १५१-१५३ १५४-१५७ १५८-१६० १६१-१६५
२८-२९ २९-३०
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३१-३२
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३२-३३
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धर्मकथानुयोग-विषय-सूची ३ महबल की तप सम्बन्धी माया ४ तीर्थकर नामकर्म-उपार्जन के हेतु ५ महबल आदि का विविध तपाचरण ६ महबल आदि का पुनर्जन्म ७ भगवती मल्ली का गर्भ में आगमन ८ भ. मल्ली तीर्थकर का जन्म ९ भ. मल्ली द्वारा मोहनघर का निर्माण करवाना १० प्रतिबुद्धि राजा और पद्मावतीदेवी द्वारा नाग-यज्ञ ११ भ. मल्ली के श्री दामगण्ड (पुष्पहार) की प्रशंसा १२ भ. मल्ली के रूप की प्रशंसा १३ प्रतिबुद्धिराजा के दूत का मिथिला में आगमन १४ अर्हन्नक वणिक की समुद्रयात्रा १५ ताल-पिशाचादि के उत्पातों का प्रादुर्भाव १६ अर्हन्नक को पिशाच का उपसर्ग १७ अर्हन्नक की धार्मिक दृढता १८ देव का पिशाच रूप-संहरण और स्ववृत्तांत कथन
अर्हन्नक का मिथिला में आगमन
अर्हन्नक का चम्पा में आगमन २१ भ. मल्ली के रूप की प्रशंसा २२ चन्द्रच्छाय राजा के दूत का मिथिला में आगमन २३ रुक्मी राजा २४ सुबाहु (कन्या) का स्नान २५ भ. मल्ली के स्नान की प्रशंसा २६ चन्द्रच्छाया राजा के दूत का मिथिला-गमन २७ शंख राजा २८ भ. मल्ली के कुंडल-यगल का संधिविघटन २९ सुवर्णकारों को देशनिकाले का दण्ड ३० सुवर्णकारों का वाराणसी में आगमन ३१ भ. मल्ली के रूप की प्रशंसा. शंख राजा के दूत का मिथिला में आगमन ३२ अदीन शत्रु राजा ३३. मल्लदिन्न का चित्रसभा कराना ३४ चित्रकार द्वारा भ. मल्ली के समान रूप का चित्रण ३५ चित्रकार को देश निष्कासन का दण्ड ३६ चित्रकार का हस्तिनापुर में आगमन ३७ अदीनशत्रु राजा को भ. मल्ली के चित्र का दर्शन कराना ३८ अदीनशत्रु राजा के दूत का मिथिला में आगमन
जितशत्रु राजा ४० चोखा परिवाजिका ४१ भ. मल्ली द्वारा चोखा के मत का निरसन ४२ चोखा परिवाजिक का कम्पिलपुर में आगमन ४३ चोखा परिब्राजिका कथित कूपमण्डूक का दृष्टान्त ४४ भ. मल्ली के रूप की प्रशंसा
१६९-१७१ १७२-१७३ १७४ १७५-१७६ १७७ १७८ १७९-१८० १८१ ૨૮૨ १८३ १८४-१८५ १८६ १८७ १८८ १८९
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१९२-१९३
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