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जमालिनिण्हवकहाणय
पुण्णभद्दे चेइए, जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्त अदुरसामंते ठिच्चा समगं भगवं महावीरं एवं वासी--जहा पं देवाणुप्पियाणं बहवे अंतेवासी समणा निग्गंथा छउमत्थावक्कमणेणं अवकंता, नो खलु अहं तहा छउमत्थावक्कमणेणं अवक्कते, अहं णं उप्पन्ननाण-दसणधर अरहा जिणे केवली भवित्ता केवलिअवक्कमणणं अवक्कते ।
गोयमकए लोग-जीवविसए पण्हे जमालिस्स तसिणीयत्तं
३७ तए णं भगवं गोयमे जमालि अगगारं एवं क्यासी-नो खलु जमाली ! केवलिस्स नाणे वा दसणे वा सेलसि वा थंभंसि वा
थूभंसि वा आवरिज्जइ वा निवारिज्जइ वा, जदि णं तुमं जमाली ! उप्पन्ननाण-दसणधरे अरहा जिणे केवलि भवित्ता केवलिअवक्कमणेणं अवक्कते, तो णं इमाई दो वागरणाई वागरेहि-सासए लोए जमाली ! असासए लोए जमाली ? सासए जीवे जमाली ! असासए जीवे जमाली ? तए णं से जमाली अगगारे भगवया गोपमेणं एवं बुत्ते समाणे संकिए कंखिए वितिगिच्छिए भेदसमावणे कलुससमावण्णे जाए यावि होत्या, नो संचाएति भगवओ गोयमस्स किंचि वि पभोक्खमाइक्खित्तए, तुसिणीए संचिट्ठइ ।
३८
भगवंतपरूवियं लोग-जीवाणं सासयत्त-असासयत्तं जमालीति ! समणे भगवं महावीरे जमालि अगगारं एवं बवासी--"अस्थि णं जमाली ! ममं बहवे अंतेवासी समणा निग्गंथा छउमत्था, जे णं पभू एवं वागरणं वागरित्तए, जहा णं अहं, नो चेव णं एतप्पगारं भासं भासितए, जहा गं तुमं । “सासए लोए जमाली ! जं, कयाइ नासि, , कयाए में भवइ, न कयाइ न भविस्सइ-भुवि च, भवइ य, भविस्सइ यधुवे, नितिए सासए, अक्खए, अव्वए, अवट्ठिए निच्चे ।" "असासए लोए जमाली ! जं ओसप्पिणी भविता उस्सप्पिणी भवइ, उस्सप्पिणी भक्त्तिा ओसप्पिणी भवइ ।" सासए जीवे जमाली ! जं , कयाइ मासि, न कयाइ न भवइ, न कयाइ न भविस्सइ--भुवि च, भवइ य, भविस्सइ य-- धुबे, नितिए, सासए, अक्खए, अब्बए, अवट्ठिए निच्चे । "असासए जीवे जमाली ! जण्णं नेरइए भवित्ता तिरिक्खजोगिए भवइ, तिरिक्खजोगिए भविता मगुस्से भवइ, मगुस्से भवित्ता देवे भवइ ।"
जमालिस्स असद्धहणं, मरणंते य लंतए देवकिब्बिसियत्तं ३९ तए णं से जमालो अणगारे समगस्स भगदओ महावीरस्स एवमाइक्खमाणस्प्त-जाव-एवं परूवेमाणस्स एतमट्ठनो सद्दहइ नो पत्तयइ नो रोएइ,
एतमट्ठ असहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे दोच्चं पि समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ आयाए अवक्कमइ, अवक्कमित्ता बहूहि असब्भावुभावणाहि मिच्छत्ताभिणिवेसेहि य अपाणं च परं च तदुभयं च बुग्गाहेमाणे वुप्पाएमाणे बहूई वासाई सामण्णपरियागं पाउणइ, पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अतागं झूसेइ, झूसेत्ता तीसं भत्ताई अगसणाए छेदेइ, छेदेत्ता तस्स ठाणस्त अणालोइयपडिक्कते कालमासे कालं किच्चा लंतए कप्पे तेरससागरोवमठितीएसु देवकिब्बिसिएसु देवेसु देवकिब्बिसियत्ताए उववन्ने ।
४० तए णं भगवं गोयमे जमालि अगगारं कालग ज.णित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छड, उवागच्छित्ता समणं
भगवं महावीरं वंदइ नमसइ, वंदिता नमंसिता एवं क्यासो--एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी कुसिस्से जमाली नाम अगगारे से गं भंते ! जमाली अणगारे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए ? कहि उववन्ने ?
गोयमा! दो समणे भगवं महावीरे भगवं गोयनं एवं क्यासी-एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी कुसिस्से जमाली नाम अगगारे, से णं तदा ममं एवमाइक्खमाणस्स एवं भासमाणस्स एवं पण्णवेमाणस्स एवं परूवेमाणस्त एतमढें नो सद्दहइ नो पत्तियइ नो रोएइ, एतमढं असद्दहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे, दोच्चं पि ममं अंतियाओ आपाए अवक्कमइ, अवक्कमिता बहूहि असब्भावुब्भावणाहि मिच्छत्ताभिणिवेसेहि य अप्पाणं च परं च तदुभयं च वुग्गाहेमाणे वुप्पाएमाणे बहूई वासाई सामण्णपरियागं पाउणित्ता, अद्धमासिवाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेत्ता, तीसं भत्ताई अगसणाए छेदेत्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते कालमासे कालं किच्चा
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