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जमालिनिण्हवकहाणयं
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पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ नमसइ, बंदित्ता नमंसित्ता उत्तरपुरस्थिमं दिसिभागं अवक्कमइ, अवक्कमिता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ। तए णं सा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया हंसलक्खणेणं पडसाडएणं आभरणमल्लालंकारं पडिच्छइ, पडिच्छित्ता हार-वारिधार-सिंदुवार छिन्नमुत्तावलिप्पग्गासाई अंसूणि विणिम्म यमाणी-विणिम्मुयमाणी जमालि खत्तियफुमारं एवं बयासी-जइयव्वं जाया ! घडियव्वं जाया ! परक्कमियध्वं जाया ! अस्सि च णं अट्ठ णो पमाएतव्वं ति कटु जमालिस्स खत्तियकुमारस्स अम्मापियरो समणं भगवं महावीरं वदति नमसंति, वंदित्ता नमंसित्ता जामेव दिसं पाउन्भूया तामेव दिसं पडिगया । तए णं से जमाली खत्तियकुमारे सयमेव पंचमुट्टियं लोयं करेइ, करेता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्क्षुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ नमंसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं क्यासी--"आलित्ते णं भंते ! लोए, पलिते णं भंते ! लोए, आलित्त-पलिते णं भंते ! लोए जराए मरणेण य । से जहानामए केइ गाहावई अगारंसि झियायमाणंसि जे से तत्थ भंडे भवइ अप्पभारे मोल्लगरुए, तं गहाय आयाए एगंतमंतं अवक्कमइ । एस मे नित्थारिए समाणे पच्छा पुरा य हियाए सुहाए खमाए निस्सेयसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ । एवामेव देवाणुप्पिया ! मज्झवि आया एगे भंडे इठे कंते पिए मणुष्णे मणामे येज्जे वेस्सासिए सम्मए बहुमए अणुमए भंडकरंडगसमाणे, मा णं सीयं, मा णं उण्ह, मा णं खुहा, मा णं पिवासा, मा णं चोरा, मा णं वाला, मा णं दंसा, मा णं मसया, मा णं वाइय-पित्तिय-सेंभिय-सन्निवाइयविविहा रोगायंका परीसहोवसग्गा फुसंतु ति कटु एस मे नित्थारिए समाणे परलोयस्स हियाए सुहाए खमाए नौसेसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ । तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! सयमेव पव्वावियं, सयमेव मुंडावियं, सयमेव सेहावियं, सयमेव सिक्खावियं, सयमेव आयारगोयरं विणय-वेणइय-चरण-करण-जायामायावत्तियं धम्ममाइक्खियं ।
२८ तए णं भगवं महावीरे जमालि खत्तियकुमारं पंचर्चाह पुरिससहि सद्धि सयमेव पव्वाबेइ-जाव-सामा इयमाइयाई एक्कारस अंगाई
अहिज्जइ, अहिज्जित्ता बहूहि चउत्थ-छट्ठट्ठम-दसम-दुवालसेहि मासद्ध-मासखमणेहि विचितहिं तवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणे विहरइ ।
जमालिणा जणपयविहारपत्थणा भगवओ महावीरस्स मोणं २९ तए णं से जमाली अणगारे अण्णया कयाइ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीर
वंदइ नमसइ, वंदित्ता नमंसिता एवं वासी-इच्छामि णं भंते ! तुहि अब्भणुण्णाए समाणे पंचर्चाह अणगारसहिं सद्धि बहिया जणवविहारं विहरित्तए। तए णं समणे भगवं महावीरे जमालिस्स अणगारस्स एयमढें नो आढाइ, नो परिजाणइ, तुसिणीए संचिट्ठइ । तए णं से जमाली अणगारे समणं भगवं महावीरं दोच्चं पि तच्चं पि एवं क्यासी-इच्छामि णं भंते ! तुहि अब्भणुण्णाए समाणे पंचहि अणगारसहि सद्धि बहिया जगवयविहारं विहरित्तए । तए णं समणे भगवं महावीरे जमालिस्स अणगारस्स दोच्चं पि, तच्चं पि, एयमट्ठ नो आढाइ, नो परिजाणइ, तुसिणीए संचिट्ठइ ।
जमालिस्स जणवयविहारो सावत्थी-आगमणं च ३० तए णं से जमाली अणगारे समगं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ, वंदित्ता नमंसित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ
बहुसालाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ, पडिनिक्खमित्ता पंचहि अणगारसहिं सद्धि बहिया जणवयविहारं विहरइ । तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी नाम नयरी होत्या-वण्णओ, कोटुए चेइए--वग्णओ -जाव-वणसंडस्स। तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नयरी होत्था--वण्णओ । पुण्णभद्दे चेइए--वष्णओ-जाव-पुढविसिलापट्टओ । तए णं से जमाली अणगारे अण्णया कयाइ पंचहि अणगारसएहि सद्धि संपरिवुडे पुन्वाणुपुचि चरमाणे गामाणुग्गाम दुइज्जमाणे जेणेव सावत्थी नयरी जेणेव कोटुए चेइए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिण्हइ, ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरइ।
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