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२३. महावीरतित्थे अज्जुणमालागारे
रायगिहे मोग्गरपाणिजक्खाययणे ३८० तेण कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नयरे । गुणसिलए चेइए। सेणिए राया। चेल्लणा देवी ।।
तत्थ णं रायगिहे नयरे अज्जुणए नाम मालागारे परिवसइ--अड्ढे-जाव-अपरिभूए । तस्स णं अज्जुणयस्स मालायारस्स बंधुमई नाम भारिया होत्था--सूमाल-पाणिपाया० ।। तस्स णं अज्जुणयस्स मालायारस्स रायगिहस्स नयरस्स बहिया, एत्य णं महं एगे पुष्फारामे होत्था--किण्हे-जाव-महामेहनिउरुंबभूए दसद्धवण्ण-कुसुमकुसुमिए पासाईए-जाव-पडिरूवे ॥ तस्स णं पुप्फारामस्स अदूरसामंते, एत्थ णं अज्जुणयस्स मालायारस्स अज्जयपज्जय-पिइपज्जयागए अणेगकुलपुरिस-परंपरागए मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे होत्था--पोराणे दिव्वे सच्चे जहा पुण्णभद्दे ।। तत्थ णं मोग्गरपाणिस्स पडिमा एगं महं पलसहस्सणिप्फण्णं अओमयं मोग्गरं गहाय चिट्ठइ ।
अज्जुणस्स जक्खपज्जुवासणा ३८१ तए णं से अज्जुणए मालागारे बालप्पभिई चेव मोग्गरपाणि-जक्खभत्ते यावि होत्था । कल्लाकल्लि पच्छियपिडगाइं गेण्हइ, गेण्हित्ता
रायगिहाओ नयराओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता जेणेव पुप्फारामे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता पुप्फुच्चयं करेइ, करेत्ता अग्गाई वराई पुप्फाई गहाय, जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स महरिहं पुष्फच्चणं करेइ, करेत्ता जण्णुपायपडिए पणामं करेइ, तओ पच्छा रायमगंसि वित्ति कप्पेमाणे विहरइ॥
गोटिल्लेहि अज्जुणमालायारबंधणं बन्धुमईए सद्धि अणायारो य ३८२ तत्थ णं रायगिहे नयरे ललिया नाम गोट्ठी परिवसइ--अड्ढा-जाव-अपरिभूता जं कयसुकया यावि होत्था ।
तए णं रायगिहे नगरे अण्णया कयाइ पमोदे घुठे यावि होत्था ॥ तए णं से अज्जुणए मालागारे कल्लं पभूयतराएहि पुप्फेहि कज्जं इति कट्ट पच्चूसकालसमयंसि बंधुमईए भारियाए सद्धि पच्छियपिडयाई गेण्हइ, गेण्हित्ता सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता रायगिहं नगरं मझमझेणं निग्गच्छइ, निग्गच्छित्ता जेणेव पुप्फारामे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता बंधुमईए भारियाए सद्धि पुप्फुच्चयं करेइ ।। तए णं तीसे ललियाए गोट्ठीए छ गोहिल्ला पुरिसा जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागया अभिरममाणा चिट्ठति ।। तए णं से अज्जुणए मालागारे बंधुमईए भारियाए सद्धि पुप्फुच्चयं करेइ, पत्थियं भरेइ, भरेत्ता अग्गाई वराई पुष्फाइंगहाय जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ ॥ तए णं ते छ गोहिल्ला पुरिसा अज्जुणयं मालागारं बंधुमईए भारियाए सद्धि एज्जमाणं पासंति, पासित्ता अण्णमण्णं एवं वयासी-- "एस णं देवाणुप्पिया ! अज्जुणए मालागारे बंधुमईए भारियाए सद्धि इहं हव्वमागच्छइ । तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं अज्जुणयं मालागारं अवओडय-बंधणयं करेत्ता बंधुमईए भारियाए सद्धि विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणाणं विहरित्तए" त्ति कटु एयमट्ठ अण्णमण्णस्स पडिसुणेति, पडिसुणेत्ता कवाडंतरेसु निलुक्कंति, निच्चला निष्फंदा तुसिणीया पच्छण्णा चिट्ठति ॥ तए णं से अज्जुणए मालागारे बंधुमईए भारियाए सद्धि जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ, आलोए पणामं करेइ, महरिहं पुप्फच्चणं करेइ, जण्णुपायपडिए पणामं करेइ ।। तए णं छ गोटिल्ला पुरिसा दवदवस्स कवाडंतरहितो निग्गच्छंति निग्गच्छित्ता अज्जुणयं मालागारं गेण्हंति, गेण्हित्ता अवओडय-बंधणं करेंति । बंधुमईए मालागारीए सद्धि विउलाई भोगभोगाइं भुंजमाणा विहरंति ॥
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