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धम्मकहाणुओगे पढमखंधे ३३४ सामाणिय-तावत्तीस-महिया सलोगपाल-अग्गहिसि-परिसाणिय-आयरोहिं संपरिवुडा समणुगम्मत-सस्सिरीया देवसंघजयसद्दक
यालोया मिग-महिस-वराह-छगल-ददुर-हय-गयवइ-भुयग-खग्ग-उसभंक-बिडिम-पागडिय-चिधमउडा पालग-पुष्फग-सोमणस-सिसिरिवच्छ-नंदियावट्ट-कामगम-पीतिगम-मणोगम-विमल-सव्वओभद्द-नामधेजेहिं विमाणेहिं तरुणदिणयरकरअइरेगप्पन्भेहिं मणि-कणग-रयण-घडिय-जालुज्जल-हेमजाल-परंत-परिगएहिं सपयरवरमुत्तदामलंबंतभूसणेहिं पचलियघंटावलि-महुर-सह-बंस-तंतीतलताल-गीय-वाइय-रवेणं महुरेणं मणोहरेणं पूरयंता अंबरं दिसाओ य, सोभेमाणा सरियं, संपट्ठिया थिरजसा देविंदा हदुतुटुमणसा, सेसा वि य कप्पवरविमाणाहिवा सविमाण-विचित्त-चिंध-नामंक-विगड-पागड-मउडाडोवसुभदंसणिज्जा समन्निति, लोयंतविमाणवासिणो यावि देवसंवा य पत्तेय-विरायमाण-विरइय-मणि-रयण-कुंडल-भिसंत-निम्मल-नियगंकिय-विचित्त-पागडियमउडा दायंता अप्पणो समुदयं, पेच्छंता वि य परस्स इड्ढीओ, जिणिद-बंदण-निमित्त-भत्तीए चोइयमई जिणदंसणूसुयागमणजणियहासा विउल-बलसमूह-पिडिया संभमेणं गगण-तल-विमलविउल-गगण-गइ-चवल-चलियमण (पवण)जइणसिग्यवेगा णाणाविह-जाणवाहणगया ऊसियविमलधवलछत्ता विउव्विय-जाणवाहण-विमाण-देह-रयणप्पभाए उज्जोएंता नहं, वितिमिरं करेंता सविड्ढोए हुलियं पयाया। पसिढिलवरमउडतिरीडधारी मउडदित्तसिरया रत्ताभा पउमपम्हगोरा सेया ।
ओव० सु० ३७। अच्छरगणसंघाया आगया
३३५ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे अच्छरगणसंधाया अंतियं पाउन्भवित्था। ताओ णं
अच्छराओ धंतधोय-कणग-रुयग-सरिसप्पभाओ समइक्कंताओ य बालभावं अणइवरसोमचारुरूवाओ निरुवहय-सरस-जोवण-कक्कसतरुणवयभावं उवगयाओ निच्चं अवट्ठियसहावाओ सव्वंगसुंदरीओ इच्छिय-नेवच्छ-रइय-रमणिज्ज-गहिय-वैसाओ, कि ते? हारद्धहार-पाउत्त-रयण-कुंडल-वामुत्तग-हेमजाल-मणिजाल-कणगजाल-सुत्तगउरितिय-कडगखुड्डग-एगावलि-कंठसुत्तमगहग-धरऽच्छ-गेवेज्ज-सोणिसुत्तग-तिलग-फुल्लग-सिद्धत्थिय-कण्णवालिय-ससि-सूर-उसभ-चक्कय-तलभंगय-तुडिय-हत्थमालय-हरिसकेऊर-वलय-पालंब पलंब-अंगुलिज्जगवलक्खदीणारमालिया-चंद-सूर-मालिया-कंचिमेहल-कलाव-पयरग-परिहेरग-पायजाल-घंटियाखिखिगि-रयणोरुजाल-खुड्डियवर-नेउर-चलणमालियाकणग-गिगलजालग-मगरमुह-विरायमाण-नेउर-पलियसद्दाल-भूसणधारणीओ दसद्धवण्ण-रागरइय-रत्तमणहरे हयलालापेलवाइरेगे धवले कणग-खचियंतकम्मे आगासकालियसरिसप्पहे अंसुएणियत्थाओ आयरेणं तुसार-गोक्खीर-हार-दगरय-पंडुर-दुगुल्ल-सुकुमाल-सुकयरमणिज्ज-उत्तरिज्जाई पाउयाओ, वरचंदणचच्चियाओ वराभरणभूसियाओ सव्वोउय-सुरभि-कुसुम-रइय-विचित्त-वरमल्लधारिणीओ सुगंध-चुण्णंगराग-वरवास-पुप्फ-पूरगविराइयाओ अहियसस्सिरीयाओ उत्तमवर-धूव-धूवियाओ सिरीसमाणवेसाओ दिव्व-कुसुम-मल्लदाम-पभंजलिपुडाओ चंदाणणाओ चंदविलासिणीओ चंदद्धसमललाडाओ चंदाहिय-सोमदंसणाओ उक्काओ विव उज्जोएमाणाओ विज्जुघणमिरीइसूरदिप्पंततेयअहियतरसन्निगासाओ सिंगारागारचारुवेसाओ संगय-य-हसिय-भणिय-चेट्टिय-विलास-सललिय-संलाव-निउण-जुत्तोवयार-कुसलाओ सुंदर-थण-जघण-वयण-करचरण-नयण-लावण्ण-रूवजोव्वण-विलास-कलियाओ सुरवधूओ सिरीस-नवणीय-मउय-सुकुमालतुल्लफासाओ ववगयकलिकलुसाओ धोयनिखंतरयमलाओ सोमाओ कंताओ पियदसणाओ सुरूवाओ जिणभत्तिदसणाणुरागेणं हरिसियाओ ओवइयाओ यावि जिणसगासं दिव्वेणं सेस तं चेव नवरं ठियाओ चेव ।
ओव० सु० ३३-३८॥
भगवओ महावीरस्स वण्णओ
३३६ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे सहसंबुद्ध
पुरिसुत्तमे पुरिससीहे पुरिसबरपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थी अभयदए चक्खुदए मग्गदए सरणदए जीवदए। दीवो ताणं सरणं गई पइट्ठा धम्मवरचाउरतचक्कवट्टी अप्पडिहय-वर-नाण-दंसणधरे वियट्टछउमे जिणे जाणए, तिण्णे तारए, मुत्ते मोयए, बुद्धे बोहए, सवण्णू सव्वदरिसी सिवमयलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावत्तगं सिद्धिगइणामधेनं ठाणं संपाविउकामे ।
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