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________________ (४७) सूत्रांक २७१ पृष्ठांक ४७८ ४७९-४८० २७२-२८१ ४७९ २७२ २७३ २७४ २७५ २७६ २७७ २७८ २७९ २८० धर्मकथानुयोग-विषय-सूची - १० शकट के आगामी भव की कथा १४ बृहस्पतिदत्त का कथानक १ कौशाम्बि में पुरोहित पुत्र बृहस्पतिदत्त २ भ. महावीर के समवसरण में गौतम ने बृहस्पतिदत्त के पूर्वभव के सम्बन्ध में पूछा ३ बृहस्पतिदत्त के महेश्वरदत्त भव की कथा ४ महेश्वरदत्त ने शान्तिहोम में ब्राह्मण आदि के बच्चों की बलि दी ५ महेश्वरदत्त का नरक में उत्पन्न होना ६ बृहस्पतिदत्त के वर्तमान भव का वर्णन ७ बृहस्पतिदत्त का उदयन राजा की राजमहिषी के साथ भोग भोगना ८ राजा ने बृहस्पतिदत्त को प्राण दण्ड दिया ९ उपसंहार १० बृहस्पतिदत्त के आगामी भव की कथा १५ नन्दिवर्धनकुमार की कथा १ मथुरा में नन्दिवर्धन कुमार २ भ. महावीर के समवसरण में गौतम ने नन्दिवर्धन के पूर्वभव के सम्बन्ध में पूछा ३ नन्दिवर्धन के दुर्योधन भव की कथा ४ चरक पाल बना दुर्योधन ५ दुर्योधन की चर्या ६ नन्दिवर्धन के वर्तमान भव की कथा ७ नन्दिवर्धन का पिता को मारने का संकल्प ८ राजा ने नन्दिवर्धन को प्राणदण्ड दिया ९ उपसंहार १० नन्दिवर्धन के आगामी भव का वर्णन १६ उम्बरदत्त का कथानक ४८० ४८० ४८० ४८० ४८० २८१ २८२-२९१ २८२ २८३ ४८१-४८३ ४८१ ४८१ ४८१ ४८१-४८२ २८४ ४८२ ४८३ २८५ २८६ २८७ २८८ २८९ २९० २९१ २९२-३०८ ४८३ ४८३ ४८४-४८७ २९२ २९३-२९७ २९८ २९९ ३०१ ३०२ १ पाटलिपुत्र में उम्बरदत्त २ भ. महावीर के समवसरण में गौतम ने उम्बरदत्त के पूर्वभव के सम्बन्ध में पूछा ३ उम्बरदत्त के धन्वन्तरी भव की कथा ४ धन्वन्तरी वैद्य ने मांसाहार से चिकित्सा कार्य किया ५ नरक में उत्पत्ति ६ उम्बरदत्त के वर्तमान भव की कथा ७ गंगदत्त ने उम्बरदत्त यक्ष को पूजा की ८ गंगदत्ता का दोहद ९ पुत्र का "उम्बरदत्त" नाम दिया और वह युवा हुवा १० माता-पिता के मरने के बाद उम्बरदत्त को घर से निकाल दिया गया ११ उपसंहार १२ उम्बरदत्त के आगामी भव का प्ररूपण १७ सूर्यदत्त का कथानक १ सूर्यपुर में सूर्यदत्त २ भ. महावीर के समवसरण में गौतम ने सूर्यदत्त के पूर्वभव के सम्बन्ध में पूछा ३ सूर्यदत्त के श्री भव की कथा ४८४ ४८४-४८५ ४८५ ४८५ ४८५ ४८५-४८६ ४८६ ४८६-४८७ ४८७ ४८७ ४८७ ४८७ ३०३-३०४ ३०५ m mmm G ३०९-३१९ ४८८-४९० ४८८ ४८८ ४८८ ३११-३१४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001954
Book TitleDhammakahanuogo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages810
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Story, Literature, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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