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पृष्ठांक
सूत्रांक २१५-२१६ २१७ २१८
२१९
२२०
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२२२ २२३
४६७-४६८ ४६८ ४६८ ४६८ ४६८ ४६८-४६९ ४६९ ४६९ ४६९ ४६९ ४६९-४७०
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४७० ४७१-४७६ ४७१ ४७१-४७२
धर्मकथानुयोग-विषय-सूची ६ भीम की भार्या उत्पला का मांस-भक्षण-दोहद ७ भीम ने दोहद पूर्ण किया ८ पुत्र जन्म ९ पुत्र का 'गोत्रास' नाम दिया
भीम के मरने के बाद गोत्रास को कूटग्राह-पद ११ गोत्रास का मांस-भक्षण और नरक आदि के भव १२ उज्झितक के वर्तमान भव का वर्णन १३ पुत्र का उज्झितक नाम दिया १४ विजय मित्र का लवण समुद्र में मरण १५ सुभद्रा सार्थवाही के मरने पर उज्झितक को घर से निकाल दिया गया १६ उज्झितक का गणिका से सहवास १७ गणिका में आसक्त मित्र राजा ने उज्झितक को प्राण दण्ड दिया १८ उपसंहार
१९ उज्झितक के आगामिभव का वर्णन १२ अभग्नसेन का कथानक
१ पूरिमताल नगर के समीप चोर पल्ली में चोर सेनापति विजय का पुत्र अभग्नसेन २ भ. महावीर के समवसरण में गौतम ने अभग्नसेन के पूर्वभव के सम्बन्ध में पूछा ३ अभग्नसेन के निन्नक भव की कथा ४ अण्डवणिक निन्नक का जीवन और उसकी नरक में उत्पत्ति ५ अभग्नसेन के वर्तमान भव का वर्णन ६ स्कंद श्री का दोहद ७ विजय ने दोहद पूर्ण किया ८ पुत्र का अभग्नसेन नाम दिया वह युवा हो गया ९ विजय के मरने के बाद अभग्न सेन का चौर-सेनापति होना १० अभग्नसेन को प्राणदण्ड देने की महब्बलराजा की आज्ञा ११ अभग्नसेन ने राजा की सेना को परास्त कर दी १२ राजा ने दस रात्रि का उत्सव घोषित किया १३ अभग्नसेन का पुरिमताल में राजा के अतिथि रूप में जाना १४ राजा ने अभग्नसेन को पकड़वाया १५ उपसंहार
१६ अभग्नसेन के आगामी भव की कथा १३ शकट का कथानक
१ साहंजणी नगरी में सार्थवाह पुत्र शकट २ भ. महावीर के समवसरण में शकट के पूर्व भव की कथा ३ शकट के छन्निक छागलिक के भव का वर्णन ४ छन्त्रिक मांसाहार करना और मांस का व्यापार करना
छनिक का मरण और उसकी नरक में उत्पत्ति
शकट के वर्तमान भव की कथा ७ पुत्र का शकट नाम रखना, उसे घर से निकालना और उसका वेश्या के वश हो जाना ८ अमात्य नेशकट को गणिका के घर से निकाला और उसे प्राणदण्ड दिया
उपसंहार
२२७ २२८ २२९-२३१ २३२-२५७ २३२-२३५ २३६-२३७ २३७-२३९ २४० २४१ २४२ २४३-२४४ २४५ २४६ २४७-२५०
४७२ ४७२
४७२ ४७२-४७३ ४७३
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४७५-४७६ ४७६ ४७६
२५२ २५३ २५४-२५५ २५६ २५७ २५८-२७१ २५८ २५९ २६०-२६१ २६२ २६३
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