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सूत्रांक
पृष्ठांक ४५३
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१४८-१४९ १५० १५१-१५२
४५३-४५४ ४५४ ४५५-४५९
१५४-१७३ १५४ १५५ १५६-१५७ १५८-१५९
४५५ ४५६
१६१-१६३
४५६-४५७
१६६-१७० १७१ १७२-१७३ १७४-२०४ १७४-१७५
४५७-४५८ ४५८ ४५८-४५९ ४५९-४६५
धर्मकथानुयोग-विषय-सूची १० भोगवति को घर के अन्दर के कार्य करने का आदेश दिया ११ भोगवति के उदाहरण से महाव्रत दूषित करने के फल का निर्देश १२ रक्षिता को भण्डार की सुरक्षा का आदेश दिया १३ रक्षिता के उदाहरण से महाव्रतों की सुरक्षा के फल का निर्देश १४ रोहिणी को सारे अधिकार देने के आदेश दिये १५ रोहिणी के उदाहरण से महाव्रतों की वृद्धि के फल का निर्देश अश्वों का उदाहरण १ हस्तिशीर्ष नगर में सांयांत्रिक (नौका द्वारा व्यापार करने वाले वणिक) २ सांयात्रिकों (नावावणिकों) को समुद्र के मध्य में उपद्रव हुआ ३ नावा निर्यामक की दिग्मूढ़ता और दिशाबोध ४ सांयात्रिक (नावावणिकों) को कालिक द्वीप में घोड़ों का दिखाई देना ५ सांयात्रिकों (नावावणिकों) का पुनरागमन ६ कनककेतु के आदेश से अश्व लाना ७ अनासक्त अश्वों का स्वायत्त विहार ८ अनासक्त अश्वों के उदाहरण से श्रमणादि की अनासक्ति के फल का निर्देश ९ आसक्त अश्वों की परवशता १० आसक्त अश्वों के उदाहरण से श्रमणादि की आसक्ति के फल का निर्देश ११ सम्यक् दृष्टान्त की उपनय गाथायें मृगापुत्र कथानक १ मृग गांव में विजय राजा का पुत्र मृगापुत्र २ मृगापुत्र की जन्मान्धता आदि ३ भ. महावीर के समवसरण में गौतम का जन्मान्ध पुरुष के सम्बन्ध में प्रश्न ४ भगवान ने मृगापुत्र के स्वरूप का निरूपण किया ५ गौतम ने मृगापुत्र को देखा ६ गौतम ने मृगापुत्र के पूर्वभव के सम्बन्ध में पूछा ७ मृगापुत्र के पूर्वभव की की एक्काइ" नामक राष्ट्रकूट कथा
"इक्काइ" नामक राष्ट्रकूट का प्रजा-पीड़न "इक्काइ" का असाध्य रोगों से पीड़ित होना
"इक्काइ" का नरकगमन ११ मृगापुत्र के वर्तमान भव के वर्णन में मृगादेवी की वेदना और गर्भपात कराने का विचार १२ गर्भपातजन्य मृगापुत्र का रोगों से पीड़ित होना १३ मुगापुत्र का जन्मान्ध आदि रूप देखकर मृगावती का उसे उकरडी पर फिकवाने का संकल्प १४ मृगापुत्र का भूमि घर में स्थापन १५ मृगापुत्र के आगामि भव का वर्णन उज्झितक का कथानक १ वाणिज्य ग्राम में सार्थवाह पुत्र उज्झितक २ भ. महावीर का समवसरण ३ गौतम ने उज्झितक के पूर्व भव के सम्बन्ध में पूछा ४ उज्झितक के गोत्रास भव का कथानक ५ हस्तिनापुर में “भीम" कूटग्राह
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४५९-४६०
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१७७-१८१ १८२ १८३-१९०
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४६२ ४६२ ४६२
४६२-४६३
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१९७-१९८ १९९ २००-२०१ २०२-२०३ २०४ २०५-२३१ २०५-२०७ २०८ २०९-२११ २१२ २१३-२१४
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