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धर्मकथानुयोग-विषय-सूची ४ सूर्यदत्त के वर्तमान भव की कथा ५ सूर्यदत्त की दुश्चर्या ६ उपसंहार ७ सूर्यदत्त के आगामी भव का प्ररूपण देवदत्ता का कथानक १ रोहिंड नगर में देवदत्ता २ भ महावीर के समवसरण में गौतम ने देवदत्ता के पूर्वभव के सम्बन्ध में पूछा ३ देवदत्ता के सीहसेन भव की कथा ४ सीहसेन राजा की श्यामा राणी में आसक्ति ५ श्यामा का कोप घर में प्रवेश ६ सीहसेन ने श्यामा की १०० सपत्नियों को आग में जला दी ७ सीहसेन की नरक में उत्पत्ति ८ देवदसा का वर्तमान भव
वैधमणदत्त राजा ने युवराज के लिए देवदत्ता की याचना की १० देवदत्ता और पुष्यनन्दिका का पाणिग्रहण ११ पिता का मरण और पृष्यनन्दि को राज्य १२ देवदत्ता ने पुष्यनन्दि की मां को मार दिया १३ पुष्यनन्दि ने देवदत्ता को प्राण दण्ड दिया १४ उपसंहार १५ देवदत्ता के आगामी भव का प्ररूपण अंजू का कथानक १ वभेमानपुर में अंजू २ अंज के पूर्वभव के सम्बन्ध में प्रश्न ३ अंजू के पृथ्वी श्री भव की कथा ४ अंज के वर्तमान भव की कथा ५ उपसंहार ६ अंज के आगामी भव का प्ररूपण पूरण बालतपस्वी का कथानक १ बेभेल सन्निवेश में पूरण गाथापति' २ पूरण की दानामा प्रव्रज्या ३ पूरण की संलेखना ४ महावीर का छद्यस्थ काल में सुसुमारपुर में विहार
पूरण का चमर चंचा में असुरेन्द्र के रूप में उपपात ६ शकेन्द्र के वैभव से चमरेन्द्र को ईर्ष्या उत्पन्न हई ७ भ. महावीर की निश्रा में चमरेन्द्र का शकेन्द्र को अपमानित करने के लिए जाना ८ शकेन्द्र ने चमरेन्द्र पर व्रज फेंका ९ चमरेन्द्र ने भ. महावीर के चरणों की शरण ली १० शकेन्द्र का भी भ. महावीर के समीप आना और वन को रोकना ११ शकेन्द्र ने भगवान से क्षमायाचना की और असुरेन्द्र को निर्भय कर दिया १२ शक्रादि की गति के विषय में गौतम के प्रश्न और भगवान के समाधान
१३ भ. महावीर के समीप चमरेन्द्र का पुनरागमन २१ महाशुक्र कल्प के देवों का भ. महावीर के समीप आने का प्रसङ्ग
१ देवताओं के मन से किये गये प्रश्नों का भ. महावीर ने मन से ही उत्तर दिया २ भ. महाबीर ने गीतम के मनोगत भाव कहे ३ गौतम का देवताओं के समीप जाना
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