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________________ सूत्रांक ३२८-३३७ पृष्ठांक ३७२-३७५ ३७२ ३२९ ३७२ WW०० ३७२-३७३ ३७३ ३७३-३७४ ३७४ mmmmm Immmm mmmmmm | mmm sur ३७४ ३७४ ३७४-३७५ ३७५ ३३८-३३९ ३७६ ३३८ ३४०-३४६ ३७६-३७७ धर्मकथानुयोग-विषय-सूची. २१ अम्बड परिव्राजक का कथानक १ भगवति सूत्र में अम्बड परिव्राजक का निर्देश २ अम्बड के अन्तेवासियों के कथानक ३ सात सौ अम्बड शिष्यों का संचित जल अटवी में समाप्त हो गया ४ अदत्त न लेने का व्रत पालने वाले सात सौ परिव्राजकों का संलेखना-पूर्वक समाधिमरण और देवलोक में उत्पत्ति अम्बड का वसति के सौ घरों से आहार लेने का निरूपण ६ अम्बड का श्रमणोपासक होना ७ अम्बड का देव भव ८ अम्बड का दृढप्रतिज्ञ भवनिरूपण और दढ़प्रतिज्ञ का जन्म अम्बड का दृढ़प्रतिज्ञ-भव १० दृढ़प्रतिज्ञ का कला ग्रहण ११ युवा दृढ़प्रतिज्ञ को वैराग्य १२ दृढ़प्रतिज्ञ की प्रव्रज्या तथा सिद्धगति प्राप्त होने का निरूपण उदायी हस्तिराजा और भूतानंद हस्तिराजा १ राजगृही में उदायी हस्तिराजा और भूतानन्द हस्तिराजा २ हस्तिराजा भूतानन्द २३ मद्रुक श्रमणोपासक कथा १ राजगही में अन्यतीथिक और मद्रक श्रमणोपासक २ भ. महावीर का राजगह में समवसरण ३ समवसरण में जाते हुए मद्रुक का अन्य तीर्थियों के साथ अस्तिकाय विषयक संलाप ४ भ. महावीर ने मद्रुक की प्रशंसा की ५ मद्रुक के अनन्तर भवों का निरूपण पंचम स्कन्ध निन्हव-कथानक १ सात प्रवचन-निन्हवों के नाम धर्माचार्य और उनके नगरों का निर्देश २ जमालि निन्हव का कथानक १ क्षत्रिय कुण्ड में जमालिकुमार २ ब्राह्मण कुण्ड में भ. महावीर का विहार ३ जमालिकुमार ने भ. महावीर की पर्युपासना की ४ भ. महावीर की धर्मकथा ५ जमालि कुमार का प्रव्रज्या संकल्प माता-पिताओं ने प्रवज्या ग्रहण करने से रोका और जमाली ने प्रव्रज्या ग्रहण करने का समर्थन किया ७ माता-पिताओं ने प्रव्रज्या ग्रहण करने की अनुमति दी । ८ प्रव्रज्या ग्रहण करने से पूर्व किये जाने वाले कार्य १ माता-पिताओं ने भ. महावीर को शिष्य भिक्षा का दान दिया १० जमाली की प्रव्रज्या ३४० ३७६ ३४२ ३७६-३७७ ३७७ ३४६ ३७७ १-११७ ३८१-४१८ ३८१ ३८१-३९२ २-४३ rmsr9 ३८१ ३८१-३८२ ३८२ ३८२ ३८२-३८३ ८-१२ १३ ३८३-३८५ ३८५ ३८५-३८८ ३८८ १४-२५ २७-२८ ३८९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001954
Book TitleDhammakahanuogo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages810
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Story, Literature, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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