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394 : प्राकृत व्याकरण
तक्करो तग्गुणा तच्चं तठं तडी तणं तणुवी
तत्तिल्ले तत्ता
तत्तो
तत्थ
अ. (तावत्) तब तक, १-११, २७१; २-१९६। अ. (इति) इस प्रकार; १-४२। पुं. (त्रिदश) देवता; २-१७६। पु. (त्रिदशेश) देवेन्द्र; १-१०॥ न वि (तीक्ष्णम्) तेज, तीखा, धारदार; २-८२। दे स्त्री (?) कमल की रज; २-१७४। न (तिग्मम्) तीक्ष्ण, तेज २-६२। न वि (तीक्ष्णम्) तीखा, तेज; २-७५, ८२। (नक्षत्र विशेष अर्थ भी है)। वि (तावत्) उतना; २-१५६। पुं. (तित्तिरः) तीतर, पक्षी विशेष; १-९०। पु. (तीर्थकरः) तीर्थकर, जिन; १-१७७। न (तीर्थम्) तीर्थ; साधु-साध्वी-श्रावकश्राविकाओं का समूह; १-८४,१०४; २-७२,९०॥ पु. (तीर्थकरः) तीर्थकर, जिन; १-१७७, १८० वि (तृप्तम्) संतुष्ट; १-१२८॥ न (तिग्मम्) तीक्ष्ण, तेज २-६२। (आर्ष) पुं. (तिर्यक्) पशु-पक्षी आदि तिर्यच प्राणी; २-१४३। पु (तिर्यक् ) पशु-पक्षी आदि तिर्यंच प्राणी; २-१४३। संख्या वाचक वि (त्रिंशत) तीस; संख्या विशेष; १-८,९२। सर्व (त्वया, तुभ्यम्, तव) तुझ से, तेरे लिये, तेरा;
तत्थं तदो
तद्दिअस तन्तु तवइ तविओ तत्तो
पुं. (तस्करः) चोर; २-४।
ताव पुं. (तद्गुणाः) वे गुण; १-११॥
ति . न. (तथ्यम्) सत्य, सच्चाई; २-२१ ।
तिअस वि. (त्रस्तम्) डरा हुआ; २-१३६।
तिअसीसो स्त्री. (तटी) किनारा; १-२०२।
तिक्खं न (तृणम्) तिनका, घास; १-१२६।
तिड्गिच्छि स्त्री (तन्वी) ईषत् प्राग्-भारा नामक पृथ्वी; तिग्गं २-११३।
तिण्हं दे वि (तत्परे) तत्पर; २-२०३। अ. (ततः) उससे, उस कारण से; बाद में; तित्तिअं २-१६०
तित्तिरो वि (तृप्तः) गरम किया हुआ २-१०५॥ तित्थगरो अ. (तत्र) वहां, उसमें; २-१६१।
तित्थं वि (त्रस्तम्) डरा हुआ; २-१३६। अ. (ततः) उससे, उस कारण से, बाद में; तित्थयरो २-१६०॥
तिप्पं दे. न (तदिवस) प्रतिदिन, हर रोज; २-१७४।। तिम्म पुं. (तन्तु) सूत, धागा; १-२३८।
तिरिआ अक. (तपति) वह गरम होता है; १-२३१॥ वि (तृप्तः) तपा हुआ; २-१०५।
तिरिच्छि वि (तृप्तः) तपा हुआ; गरम हुआ; २-१०५। अ (तद्) वाक्य के प्रारंभिक अर्थ में प्रयोग किया तीसा जाने वाला अव्यय; २-१७६ । पुं. (तमः) अन्धकार; १-११; ३२॥ न. (ताम्रम्) तांबा, धातु-विशेष; १-८४; २-५६। दे वि (ताम्र) ताम्र-वर्ण वाला; २-५६। पु. (ताम्र) वर्ण-विशेष; २-४५ । न (ताम्बूलम्) पान; १-१२४ । अ. (तदानीम्) उस समय में; १-१०१। अक (शक्) समर्थ होना। सक (तर) तैरना। हे कृ (तरितुम्) तैरने के लिये; २-१९८| पुं. (तरणिः ) सूर्य; १-३१। वि. (तरल) चंचल; १-७।
तुण्हिओ पु. (तरू) वृक्ष; १-१७७।
तुण्हिओ तलवोण्टं न (ताल वृन्तम्) ताड़ का पंखा; १-६७। तुप्पं न. (तडागम्) तालाब, सरोवर; १-२०३। तुम्हारिसो वि. (तप्तः) गरम किया हुआ; २-१०५/ पुं. (स्तवः) स्तुति, स्तवन, गुण-कीर्तन; २-४६। तुम्हेञ्चयं अ (तथा) वैसे, उसी प्रकार से; १-६७, १७१। तूणं अ (तथा) वैसे, उसी प्रकार से; १-१६७/ अ. (तत्र) वहां, उसमें; २-१६१। अ. (तदा); तब तक; १-२७१। पुं. (तातः) पिता, तात; १-२०९।
तेआलीसा पुं. (नाम रस) कमल, पद्य, ताम्र , स्वर्ण, धतूरे तेओ का पौधा; १-६। वि. (तादृशः) वैसा, उस तरह का; १-१४२।। तेत्ति न. (ताल वृन्तम्) ताड़ का पंखा; १-६७; २-३१।। तेत्ति न. (ताल वृन्तम्) ताड़ का पंखा; १-६७;। तेत्तीसा
तमो
तम्बिर तम्बो तम्बोलं तयाणिं
तुमे
तरिङ
तुच्छं
तरणी
तरल तरू तलवेण्टं तलायं तविओ तवो
सर्व (त्वम्, त्वाम्) (त्वत्, तव, तयति) तू, तुझको, तुझ से, तेरा, २-१८०। सर्व (तव, तुभ्यम्) तुम्हारा; तेरे लिये; २-१९३/ सर्व (त्वाम्, त्वया, तव, तुभ्यम्, त्वयि) तुझको, तुझसे, तेरा, तेरे लिये; २-२०४। वि. (तुच्छम्) अल्प, हल्का, हीन, जघन्य, नगण्य; १-२०४। वि (तूष्णीकः) मौन रहा हुआ; २-९९। तुण्हिक्क वि (तूष्णीकः) मौन रहा हुआ; २-९९। न. (घृतम्) घी, घृत; १-२००। वि. (युष्माद्दशः) आपके जैसा, तुम्हारे जैसा; १-१४२, २४६। वि (योष्माकम्) आपका, तुम्हारा; २-१४९। (तूणम्) तीर रखने का पदार्थ विशेष, भाथा, तरकस; १-१२५/ न. (तूर्यम्) वाद्य, बाजा; २-६३। न. (तीर्थम्) पवित्र स्थान; १-१०४; २-७२। वि (त्रिचत्वारिंशत्) तिरियालीस; २-१७४ । पु. (तेजः) तेज, कान्ति, प्रकाश; १-३२। (तेन) उससे; १-३३; २-१८३, १८६, २०४। वि. (तावत्) उतना; २-१५७। तेत्तिलं वि (तावत्) उतना; २-१५७। संख्या वाचक विशेष (त्रयस्त्रिंशत्) तेतीस;
तह
तहा तहि
तूर
ता
तूह
ताआ तामरस
तेण
तारिसो तालवेण्टं तालवोण्टं
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