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________________ XXX : हेम प्राकृत व्याकरण २०५ २०५ २०६ ७० २०६ २०९ २१० २१० २११ २१३ २१४ २२१ २२३ २२५ २२५ FFFFFF द्वितीय पादः ६८ संयुक्त व्यञ्जनों के लिए अधिकार-सूत्र "क्त-ष्ट-ग्ण-त्व" के स्थान पर वैकल्पिक रूप से "क" आदेश प्राप्ति २ "क्ष" के स्थान "ख-छ-झ" की आदेश की प्राप्ति "ष्क-स्क-क्ष्व-स्थ-स्त" के स्थान पर विभिन्न रूप से और विभिन्न शब्दों में "ख" आदेश प्राप्ति का विधान ४ से ८ ७२ "स्त" के स्थान क्रम से "थ" और "ठ" की प्राप्ति ९ "क्त" के स्थान पर वैकल्पिक रूप से "ग" की प्राप्ति १० ७४ "ल्क" के स्थान पर वैकल्पिक रूप से "ङ्ग" की प्राप्ति ११ ७५ अमुक संयुक्त व्यञ्जनों के स्थान पर विविध रीति से ओर विविध रूपों में "च" की प्राप्ति १२ से १४ ७६ "त्व-थ्व-द्व-ध्व" के स्थान पर क्रम से"च-छ-ज-झ" की प्राप्ति ওও "श्च" के स्थान पर "ञ्चु" की वैकल्पिक प्राप्ति ७८ कुछ संयुक्त व्यञ्जनों के स्थान पर विविध रीति से और विविध शब्दों में "छ" व्यञ्जन की प्राप्ति १७ से विशेष संयुक्त व्यञ्जनों के स्थान पर विविध आधार से "ज" और "ज" व्यञ्जन की प्राप्ति संयुक्त व्यञ्जनों के स्थान पर "झ" व्यञ्जन की प्राप्ति ८१ संयुक्त "न्ध" के स्थान पर "झा" की प्राप्ति ८२ "त" और "त" के स्थान पर "ट" की प्राप्ति "न्त" के स्थान पर 'ण्ट' की प्राप्ति संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "ठ" की प्राप्ति ३२ से ३४ संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "ड" की प्राप्ति ३५ से ३७ संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "ण्ड" की प्राप्ति "स्तब्ध" में संयुक्त व्यञ्जनों के स्थान पर क्रम से "ठ" और "ढ" की प्राप्ति अमुक संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "ढ" की प्राप्ति ४० से ४१ "स्न" और "ज्ञ" के स्थानपर "ण" की प्राप्ति अमुक संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "ण" की प्राप्ति "मन्यु" शब्द में संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "न्त" की वैकल्पिक प्राप्ति अमुक संयुक्त व्यञ्जनों के स्थान पर "थ" की प्राप्ति ४५-४६-४८ "पर्यस्त" में संयुक्त व्यञ्जनों के स्थान पर क्रम से "थ" और "ट" की प्राप्ति ९४ "आश्लिष्ट" में संयुक्त व्यञ्जनों के स्थान पर क्रम से "ल" और "थ" की प्राप्ति "चिह्न" में संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर वैकल्पिक रूप से "न्ध" की प्राप्ति ९६ अमुक संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "प" की प्राप्ति ५१ से ५२ अमुक संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "फ" की प्राप्ति ५३ से ५५ अमुक संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "म्ब" की प्राप्ति ९९ अमुक संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "भ" की प्राप्ति ५७ से ५९ "कश्मीर" में संयुक्त व्यंजन के स्थान पर "म्भ" की वैकल्पिक रूप से प्राप्ति १०१ अमुक संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "म" की प्राप्ति ६१ से ६२ १०२ अमुक संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "र" की प्राप्ति ६३ से ६६ १०३ "र्य" के स्थान पर "रिअ-अर-रिज्जरीअ' और "ल्ल" की प्राप्ति का विधान ६७ से ६८ १०४ अमुक संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "स" की प्राप्ति १०५ अमुक संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "ह" की प्राप्ति ७० से ७३ २२९ २२९ २३२ २३३ ८७ २३३ २३४ २३५ २३६ २३६ २३६ २३८ २३९ २३९ २३९ 'PPF २४० २४२ २४२ २४३ २४४ १०० २४५ २४६ २४८ २४८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001942
Book TitlePrakrit Vyakaranam Part 1
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorSuresh Sisodiya
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year2006
Total Pages454
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size16 MB
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