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हेम प्राकृत व्याकरण : XXIX
२९
१७६
१२३ १२७ १३६ १३७ १४५
१४६
१४६ १४८
१५०
३७ ३८
१८९
१५५ १५५ १५६ १५७ १५७ १५७
१५९
१६१
४६
२०३
४७
"औ" स्वर के स्थान पर क्रम से"ओ-उ-अउ;"अ और अउ"तथा आवा" प्राप्ति का विविध रूप से संविधान
१५९ से १६४ व्यज्जन-लोप पूर्वक विभिन्न स्वरों के स्थान पर विभिन्न स्वरों की प्राप्ति का विधान १६५से १७५ व्यज्जन-विकर के प्रति सामान्य -निर्देश "क-ग-च-ज-त-द-प-य-व" व्यज्जनों के लोप होने का विधान
१७७ "म" व्यञ्जन की लोप-प्राप्ति और अनुनासिक प्राप्ति का विधान
१७८ "प" व्यञ्जन के लोप होन की निषेध विधि
१७९ लुप्त व्यञ्जन के पश्चात शेष रहे हुए "अ" के स्थान पर "य" श्रुति की प्राप्ति का विधान १८० "क" के स्थान पर "ख-ग-च-भ-म-ह" की प्राप्ति का विधान
१८१ से १८६ "ख -घ -थ -ध-भ" के स्थान पर "ह" की प्राप्ति का विधान
१८७ "थ" के स्थान पर "ध" की प्राप्ति का विधान
१८८ "ख" के स्थान पर "क" की प्राप्ति का विधान "ग" के स्थान पर "म-ल-व" की प्राप्ति का विधान
१९०से १९२ "च" के स्थान पर "स" और "ल" की प्राप्ति का विधान
१९३ "ज" के स्थान पर "झ" की प्राप्ति का विधान
१९४ "ट" के स्थान पर"ड-ढ-ल" की प्राप्ति का विधान
१९५ से १९८ "ठ"के स्थान पर "ढ-ल्ल-ह-ल" की प्राप्ति का विधान
१९९ से २०१ "ड"के स्थान पर "ल" की प्राप्ति का विधान
२०२ "ण" के स्थान पर वैकल्पिक रूप से "ल" की प्राप्ति का विधान "त" के स्थान पर "च-छ-ट-ड-ण-पण-र-ल-व-ह" की विभिन्न रीति से प्राप्ति का विधान २०४ से २१४ "थ" के स्थान पर "ढ" की प्राप्ति का विधान
२१५ से २१६ "द" के स्थान पर "ड-र-ल-ध-व-ह" की विभिन्न रीति से प्राप्ति का विधान २१७ से २२५ "ध" के स्थान पर "ढ" की प्राप्ति का विधान
२२६ से २२७ "न" के स्थान पर"ण" की प्राप्ति का विधान
२२८ से २२९ "न" के स्थान पर वैकल्पिक रूप से "ल" ओर "ह" की प्राप्ति का विधान
२३० "प"के स्थान पर "व-फ-म-र" की प्राप्ति का विधान
२३१ से २३५ "फ" के स्थान पर "भ" और "ह" की प्राप्ति का विधान
२३६ "ब"के स्थान पर "व-भ-म-य" की प्राप्ति का विधान
२३७ से २३९ "भ" के स्थान पर "व" की प्राप्ति का विधान
२४० "म" के स्थान पर"ढ-व-स" की विभिन्न रीति से प्राप्ति का विधान
२४१ से २४४ "य"के स्थान पर ज-त-ल-ज्ज-ह-"डाह-आह" की विभिन्न रीति से प्राप्ति का विधान २४५ से २५० "र" के स्थान पर "ड-डा-न-ल" की विभिन्न रीति से प्राप्ति का विधान
२५१ से २५४ "ल" के स्थान पर "र-ण" की प्राप्ति का विधान
२५५ से २५७ "ब" और "व" के स्थान पर "म" की प्राप्ति का विधान
२५८ से २५९ "श" और "ष" के स्थान पर "स" की प्राप्ति का विधान
२६० "ष" के स्थान पर "ह" की प्राप्ति का विधान
२६१ "श" और "ष" तथा "स" के स्थान पर (वैकल्पिक रूप से)"ह" की प्राप्ति का विधान २६२ से २६३ "ह" के स्थान पर "घ" की प्राप्ति का विधान
२६४ "ष", "श" और "स" के स्थान पर "छ" की प्राप्ति का विधान
२६५ से २६६ स्वर सहित "ज-क-ग-य-द-व"व्यञ्जनों का विभिन्न रूप से एवं विभिन्न शब्दों में लोप-विधिका प्रदर्शन
२६७ से २७१
१६३ १६४ १७२
१७३
१७७
५० ५१
१७७
५२
१७९ १७९ १८३ १८४
५४
१८५
५८
१८५ १८६ १९१ १९४ १९५
६१
१९६
१९७
१९७
६५
१९८
६६
१९८
१९९
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