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________________ R amand ८३ ८६ दंतधावन दांतूनकरने के अयोग्यमनुष्य तैलाभ्यंगगुण तैलघृताभ्यंगगुण अभ्यंगकेलिये अयोग्यव्यक्ति व्यायामगुण व्यायामके लिये अयोग्यव्यक्ति बलावलक्षण विशिष्ट उद्वर्तनगुण पवित्रस्नानगुण स्नानकेलिये अयोग्यव्यक्ति तांबूलभक्षणगुण तांबूलसेवन के लिये अयोग्यव्यक्ति ८७ जूता पहिनने व पादाभ्यंगके गुण ८७ रात्रिचर्याधिकारः मैथुनसेवनकाल भैथुनके लिये अयोग्यव्यक्ति सततमैथुनके योग्यव्यक्ति ब्रह्मचर्यके गुण मैथुनके लिये अयोग्य स्त्री व काल ८९ मैथुनानंतर विधेयविधि निद्राकी आवश्यकता दिनमे निद्रा देने का अवस्था विशेष सर्वतुसाधारण चर्याधिकारः हितमितभाषण शैल.द्यारोहणनिषेध पापादि कार्योंके निषेध हिंसादिके त्याग ९१ वृष्याधिकारः कामोत्पत्तिके साधन कामोद्दीपन करनेवाली स्त्री वृष्यामलकयोग वृष्यशल्यादियोग वृष्यसक्तू वृष्यगोधूमचूर्ण वृष्यरक्ताश्वत्थादियोग वृष्यामल कादि चूर्ण छागदुग्ध वृष्यभूकूष्मांडादि चूर्ण नपुंसकत्वके कारण व चिकित्सा ९४ संक्षेपसे वृष्यपदार्थोके कथन रसायनाधिकारः त्रिफलारसाययन वृष्यविडंग व यष्टिचूर्ण रसायनके अनुपान रसायनसेवनमें पथ्याहार विडंगसाररसायन बलारसायन नागबलादि रसायन वाकुची रसायन ब्राम्यादि रसायन वज्रादि रसायन रसायन सेवन करने का नियम ९९ चन्द्रमृत रसायन विविध रसायन चन्द्रामृतादि रसायन के अयोग्य मनुष्य १०२ दिव्यौषध प्राप्त न होने के कारण १०३ १०२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001938
Book TitleKalyankarak
Original Sutra AuthorUgradityacharya
AuthorVardhaman Parshwanath Shastri
PublisherGovind Raoji Doshi Solapur
Publication Year1940
Total Pages908
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Ayurveda, L000, & L030
File Size18 MB
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