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प्रत्येकपदार्थ सात्म्य हो सकता है: २४ प्रकृतिकथनप्रतिज्ञा ऋतुमती स्त्री नियम गर्भाधानक्रम ऋतुकाल में गृहीतगर्भका दोष । गोत्पत्ति क्रम जीवशब्द की व्युत्पत्ति मरणस्वरूप शरीरवृद्धीके लिए षट्पर्याप्ति शरीरोत्पत्ति में पर्याप्ति की आवश्यकता २७ गर्भमें शरीराविर्भावक्रम २७ गर्भस्थबालककी पोषणविधि २८ कर्मकी महिमा
२८ शरीरलक्षणकथनप्रतिज्ञा अन्तिमकथन
२९ तृतीय परिच्छेदः मंगलाचरण व प्रतिज्ञा अस्थि, सन्धि आदिकी गणना। धमनी आदिकी गणना मांतरज्जु आदिकी गणना मर्मादिककी गणना दंत आदिककी गणना घसा आदिकका प्रमाण मूत्रादिकके प्रमाण पांच प्रकारके वात मनिर्गमन द्वार शरीरका अशुचित्व प्रदर्शन धर्मप्रेम की प्रेरणा जानिस्मरणविचार
जातिस्मरण कारण जातिस्मरणलक्षण प्रकृतिकी उत्पत्ति वातप्रकृति के मनुष्य का लक्षण ३४ पित्तप्रकृतिके मनुष्यका लक्षण कफप्रकृतिके मनुष्य का लक्षण ३५ क्षत्रलक्षणकथनप्रतिज्ञा औषधिग्रहणार्थ अयोग्यक्षेत्र औषधिग्रहणार्थ प्रशस्त क्षेत्र सुक्षेत्रोत्पन्न अप्रशस्तप ध . ३७ प्रशस्तऔषधिका लक्षण ३७ परीक्षापूर्वक ही औषधप्रयोग करना
चाहिये ३७ अधिकमात्रासे औषविप्रयोग
करनेका फल ३७ औषधिप्रयोगविधान जीर्णाजीर्णऔषधविचार स्थूल आदि शरीरभेदकथन । प्रशस्ताप्रशस्तशरीरविचार . . स्थूलादिशरीरकी चिकित्सा साध्यासाध्य विचार स्थूलशरीरका क्षीणकरणोपाय क्षीणशरीरको समकरणोपाय मध्यमशरीररक्षणोपाय स्वास्थ्यबाधककारणोंका परिहार वातादिदोषों के कथन वातादिदोषलक्षण कफका स्थान पित्तका स्थान
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