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[ ३० ] प्रत्येक और साधारण नामकर्म विषयक शंका-समाधान
शुभ और अशुभ नामकर्म सम्बन्धी शंका-समाधान गाथा है
५४-५५ पिण्ड प्रकृतियों के अवान्तर भेदों की संख्या गाथा १०
५५-५७ बंध, उदय और सत्ता में प्रकृतियों की संख्याभिन्नता का ५६
विवक्षा कारण गाथा ११
५८-६२ बंधननामकर्म के पन्द्रह भेद मानने में हेतु
बंधननामकर्म के पन्द्रह भेदों के लक्षण गाथा १२
६२-६५ संघातननामकर्म के पांच भेद मानने सम्बन्धी शंका- ६२ समाधान
संघातननामकर्म के पांच भेदों के लक्षण माथा १३
६५-६६ अशुभ और शुभ वर्णचतुष्क के उत्तर भेदों के नाम गाथा १४
६७-६६ वर्गीकरण की संज्ञाओं के नाम
संक्षेप में ध्र वबंधिनी आदि संज्ञाओं के लक्षण गाथा १५
ध्र वबंधिनी प्रकृतियों के नाम ध्र वबंधिनी मानने का कारण अध्र वबंधिनी प्रकृतियों के नाम अध्र वबंधिनी मानने का कारण
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