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३१ ]
७४-७५
७४
७५
७५
७७-८०
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गाथा १६
ध्रु वोदया प्रकृतियों के नाम ध्र वोदया मानने का कारण अध्र वोदया प्रकृतियों के नाम
अध्र वोदया मानने का कारण गाथा १७
घाति, अघाति प्रकृतियों के नाम गाथा १८
सर्वघति व देशघाति मानने का कारण गाथा १६
देशघाति प्रकृतियों के नाम गाथा २०
परावर्तमान, अपरावर्तमान प्रकृतियों के नाम व मानने
का कारण गाथा २१, २२
शुभ अशुभ प्रकृतियों के नाम गाया २३, २४
पुद्गलविपाकी प्रकृतियों के नाम व मानने कारण भवविपाकी प्रकृतियों के नाम व मानने का कारण क्षेत्रविपाकी प्रकृतियों के नाम व मानने का कारण जीव विपाकी प्रकृतियों के नाम व मानने का कारण
सभी प्रकृतियों को जीवविपाकी न मानने में हेतु गाथा २५
औपशमिक आदि पांच भावों के लक्षण प्रत्येक कर्म में संभव भाव
८२-८३
८२
८३-८५
८५-६१
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