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बंधक-प्ररूपणा अधिकार
विषयानुक्रमणिका
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गाथा १
マーズ कर्मबन्धक जीवों के वर्णन की प्रतिज्ञा
'विबन्धगा' और 'हु' पद के विशेष अर्थ का स्पष्टीकरण गाथा २, ३
५-२० किम् आदि छह प्रश्नोत्तरों द्वारा जीव विषयक निरूपण औपशमिक आदि भावों का स्वरूप और उनके द्विकादि भंग
भंगों के अधिकारी गाथा ४
२०-२२ संसारी जीवों में सम्भव शरीर गाथा ५
२२-२४ सत्पद-प्ररूपणा गाथा ६
२५-२६ गुणस्थानों की सत्पद-प्ररूपणा
२५ गाथा ७
२६-२६ अनियतकालमावी सासादन आदि आठ गुणस्थानों के संयोग
से संभव भेदों का करणसूत्र गाथा ८
२६-३१ उक्त भेद-भंगों की गणना की दूसरी विधि गाथा ६
३१-३३ द्रव्यप्रमाण प्ररूपणा
३१ गाथा १०, ११, १२
३३-३६ एकेन्द्रिय से असंज्ञी पंवेन्द्रिय तक के जीवों का प्रमाण विवेचन ३३
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