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२६
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४७
गाथा १३
३९-४४ नारक जीवों का प्रमाण
४० गाथा १४
४४-४५ व्यंतर देवों का प्रमाण
४४ गाथा १५
४५-४६ ज्योतिष्क देवों का प्रमाण
४६ गाथा १६
४७-४६ वैमानिक देवों का प्रमाण गाथा १७, १८
४६-५१ रत्नप्रभापृथ्वी के नारकों, भवनपति और सौधर्म स्वर्ग के देवों ५०
की संख्या में प्रयुक्त असंख्यात का स्पष्टीकरण गाथा १६
५१-५२ प्रकारान्तर से रत्नप्रभापृथ्वी के नारकादि की संख्या सम्बन्धी ५१
श्रेणी का प्रमाण गाथा २०
उत्तर वैक्रियशरीरी पंचेन्द्रिय तिर्यंचों का प्रमाण गाथा २१
५३-५६ मनुष्यों की संख्या का प्रमाण गाथा २२ आदि के सात गुणस्थानवी जीवों का प्रमाण
५६ गाथा २३, २४
६०-६४ आठवें से चौदहवें गुणस्थान तक के जीवों का संख्याप्रमाण गाथा २५
६४-६६ जीवस्थानों की क्षेत्रप्ररूपणा गाथा २६
६७-६८ गुणस्थानापेक्षा क्षेत्रप्रमाण
६७ गाथा २७, २८
६८-७२ समुद्घात-विवेचन
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६८
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