SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 446
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ षष्ठ कर्मग्रन्थ ३६६ शेष रह गये हैं, केवल उन्हें उत्तरोत्तर अनंतगुण करना चाहिये । यथाप्रवृत्तकरण का समय अन्त महुर्त प्रमाण है। ___ इस तरह अन्तर्मुहूर्त काल में यथाप्रवृत्तकरण समाप्त होने के बाद दूसरा अपूर्वकरण होता है। जिसका विवेचन इस प्रकार है कि इसमें प्रतिसमय असंख्यात लोकप्रमाण परिणाम होते हैं जो प्रति समय छहस्थान पतित होते हैं। इसमें भी पहले समय में जघन्य विशुद्धि सबसे थोड़ी होती है जो यथाप्रवृत्तकरण के अन्तिम समय में कही गई उत्कृष्ट विशुद्धि से अनन्तगुणी होती है। पुन: इससे पहले समय में ही उत्कृष्ट विशुद्धि अनन्तगुणी होती है। तदनन्तर इससे दूसरे समय में जघन्य विशुद्धि अनन्तगुणी होती है । इस प्रकार अपूर्वकरण का अन्तिम समय प्राप्त होने तक प्रत्येक समय में उत्तरोत्तर इसी प्रकार कथन करना चाहिये। ____ अपूर्वक रण के पहले समय में ही स्थितिघात, रसधात, गुणश्रेणि, गुणसक्रम और अपूर्व स्थितिबन्ध, ये पाँच कार्य एक साथ प्रारम्भ हो जाते हैं। जिनका आशय निम्नानुसार है...... स्थितिघात में सत्ता में स्थित स्थिति के अग्रभाग से अधिक से अधिक सैकड़ों सागर प्रमाण और कम से कम पल्य के संख्यातवें भाग प्रमाण स्थितिखण्ड का अन्तर्मुहुर्त काल के द्वारा घात किया जाता है तथा यहाँ जिस स्थिति का आगे चलकर घात नहीं होगा, उसमें प्रति समय दलिकों का निक्षेप किया जाता है और इस प्रकार एक अन्तमुहूर्त काल के भीतर उस स्थिति खण्ड का घात हो जाता है । अनन्तर इसके नीचे के दूसरे पल्य के संख्यातवें भाग प्रमाण स्थितिखण्ड का उक्त प्रकार घात किया जाता है। इस प्रकार अपूर्वकरण के काल में उक्त क्रम से हजारों स्थितिखण्डों का घात होता है। जिससे पहले समय की स्थिति से अन्त के समय की स्थिति संख्यातगुणी हीन रह जाती है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001897
Book TitleKarmagrantha Part 6 Sapttika
Original Sutra AuthorDevendrasuri
AuthorShreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
PublisherMarudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
Publication Year1989
Total Pages584
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy