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गाथा ६३
४२०-४३३३ क्षपकश्रेणि के विचार का प्रारम्भ
४२५ क्षपकश्रेणि का आरम्भक कौन होता है
४२७ क्षपकश्रेणि में क्षय होने वाली प्रकृतियों का निर्देश व तत्सम्बन्धी मतान्तर
४२७ पुरुषवेद के आधार से क्षपकश्रेणि का वर्णन
४२८ गाथा ६४
४३३-४३८ संज्वलन चतुष्क के क्षय के क्रम का वर्णन
४३३ समुद्घात की व्याख्या और उसके भेद
४३६ केवली समुद्घात का विवेचन
४३६ योग निरोध की प्रक्रिया
४३७ सयोगिकेवली गुणस्थान के अन्तिम समय में सत्ता-विच्छेद को प्राप्त होने वाली प्रकृतियों का निर्देश
४३८ अयोगिकेवली गुणस्थान के कार्य विशेष
४३८ गाथा ६५
४३८-४४० अयोगिकेवली गुणस्थान के उपान्त्य समय में क्षय होने वाली प्रकृतियों का निर्देश
४३६ गाथा ६६
४४०-४४२ अयोगिकेवली गुणस्थान में उदयप्राप्त प्रकृतियों का निर्देश ४४१ गाथा ६७
अयोगिकेवली गुणस्थान में उदयप्राप्त नामकर्म की नौ प्रकृतियाँ
४४२ गाथा ६८
४४२-४४४ मनुष्यानुपूर्वी की सत्ता सम्बन्धी मतभेद का निर्देश
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